5 जून, 2023, देहरादून
भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून के वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा खतार पंचायत, कालसी ब्लॉक, देहरादून में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की रक्षा के लिए विश्वव्यापी जागरूकता एवं कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र दिवस है। यह दिवस 1973 से प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम #BeatPlasticPollution अभियान के तहत प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान पर केन्द्रित है। दुनिया भर में हर साल 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है जिनके आधे उत्पादन केवल एक बार उपयोग करने के लिए बनाया जाता है। इनमें से 10 फीसदी से भी कम की रीसाइक्लिंग होती है। एक अनुमान के अनुसार 19-23 मिलियन टन सालाना झीलों, नदियों तथा समुद्रों में पहुंच जाते हैं। माइक्रो प्लास्टिक, जो 5 मि.मी. तक के व्यास वाले प्लास्टिक के छोटे टुकड़े हैं, हमारी खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर जाते हैं।
सर्कुलर अर्थव्यवस्था को समाधान के रूप में अपनाकर वर्ष 2040 तक महासागरों में प्रवेश करने वाले प्लास्टिक की मात्रा में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी की जा सकती है। अब लोगों को अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण के अनुकूल वस्तुओं को अपनाने की आवश्यकता है जहां सभी कपड़े/ जूट की थैलियों का उपयोग करके प्लास्टिक उपयोग को कम कर सकते हैं।
सुंदरैया और कुल्हारा के दो गाँवों में पौधारोपण अभियान के साथ यह जागरूकता कार्यक्रम सफलता पूर्वक मनाया गया। यहाँ 100 पौधे भी वितरित किए गए। इस वर्ष के विषय प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता के संबंध में ग्रामीणों द्वारा शपथ ली गई।
डॉ. इंदुरावत, डॉ. तृषारॉय, डॉ. अनुपम बरह, डॉ. सादिकुल इस्लाम और डॉ. देवीदीन यादव तथा आंगनबाड़ी, खातर की श्रीमती सुमित्रा भंडारी और श्रीमती संता देवी ने कार्यक्रम का समन्वयन कियाI
एक दिवसीय क्षेत्र प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम में लगभग 110 ग्रामीणों ने भागीदारी की।
(स्रोतः भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, देहरादून)
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