22 जून, 2023, अविकानगर
भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के कृषि विज्ञान केन्द्र दौसा में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत आज किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी, प्रदर्शनी एवं खरीफ़ फसलों के बीजों का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित लोकसभा सांसद, दौसा, श्रीमती जसकौर मीना, अखिल भारतीय स्वदेशी मंच के सह-समन्वयक, श्रीमती अर्चना मीना, अविकानगर संस्थान के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर, अविकानगर टीएसपी परियोजना के नोडल अधिकारी, डॉ. जी.जी. सोनावाने, डॉ. बी.एल. जाट, प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, दौसा, श्री जगदीश प्रसाद मीना, डिप्टी डायरेक्टर उद्यान विभाग, डिडेल बस्सी, डॉ सत्यवीर सिंह डांगी, दौलत राम मीना, घमंडी लाल मीणा आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्रीमती जसकौर मीना ने संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान के प्रयास से दौसा जिले के भेड़- बकरी पालक एवं किसानों को उन्नत नस्ल के जानवरों के साथ उन्नत किस्म के बीजों, वेजिटेबल किट एवं विभिन्न फलदार पौधों का वितरण किया जा रहा हैl इससे निश्चित ही किसानों में जागरूकता आएगी और निश्चित ही भविष्य में खेती एवं पशुपालन को उद्यमिता की ओर ले जाएगीl
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय स्वदेशी मंच की श्रीमती अर्चना मीना ने खेती एवं पशुपालन को कैसे उद्यमिता की ओर ले जाएं इसके बारे में विस्तार से महिला एवं पुरुष किसानों को बताया तथा निवेदन किया कि आप किसान कृषि एवं पशुपालन उत्पादों को उपभोक्ता तक सीधे लेकर जाएं जिससे आपको अधिक से अधिक मुनाफा होगी और आप इस तरह आप अपनी आजीविका बढ़ा सकेंगेl
अविकानगर संस्थान के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर ने कार्यक्रम में उपस्थित भेड़-बकरी एवं किसानों को संबोधित करते हुए विस्तार से भेड़ बकरी पालन के बारे में बताया तथा किसानों को निवेदन किया कि हर 2 साल में भेड़-बकरी का नस्ल सुधार के लिए मेल बदल दें, जिससे आपके रेवड़ में इंब्रेडिंग एवं अच्छी नस्ल के पशुओं से मुनाफा भी अधिक मिलेगा।
डॉ. तोमर ने निवेदन करते हुए बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन द्वारा भारत सरकार द्वारा भेड़ बकरी और मुर्गी पालन पर दी जा रही सब्सिडी के बारे में विस्तार से जानकारी दीl उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के लिए आवश्यक भेड़-बकरी पालन पर सात से आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अविकानगर संस्थान एवं केड फाउंडेशन उदयपुर के सहयोग से हर महीने में दो से तीन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिससे दौसा जिले के ज्यादा से ज्यादा किसान प्रशिक्षण लेकर राष्ट्रीय पशुधन मिशन के द्वारा भेड़ बकरी पालन के माध्यम से अपनी पशुपालन उद्यमिता को बढ़ा रहे हैंl
संस्थान के टीएसपी नोडल अधिकारी, डॉ. जी.जी. सोनावाने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टीएसपी परियोजना के द्वारा दौसा जिले में किए जा रहे प्रयासों के बारे में भारत सरकार की योजना को ध्यान में रखकर किसानों की आजीविका के लिए खेती एवं पशुपालन को बढ़ाने की बात की।
दौसा कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी, डॉ बीएल जाट एवं डॉ अजय चित्तौड़ा, आदि ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग कियाl
अविकानगर संस्थान की टीएसपी परियोजना के अंतर्गत दौसा जिले की विभिन्न तहसीलों के गांव की जनजाति महिला व पुरुष किसानों को इस कार्यक्रम में 20 क्विंटल मूंगफली जीजेजी-19 किस्म,10 क्विंटल ग्वार की आरजीसी-1033 किस्म,8 क्विंटल बाजरे की जेबीवी-3, 300 पूसा वेजिटेबल किट, 1900 पौधे आम, नींबू, अंजीर, बिलपत्र, कटहल आदि का वितरण किया गया l
साथ ही संगोष्ठी से पहले चयनित नांगल राजावतान तहसील, राहुवास तहसील, लवण तहसील एवं दौसा तहसील के विभिन्न पंचायतों के गांव के किसानों को भी खरीफ की फसलों के बीजों का वितरण किया गयाl
उपरोक्त कार्यक्रम में 350 से ज्यादा जनजाति किसानों ने भाग लेकर इससे लाभान्वित हुएl
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)
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