10- 11 जुलाई, 2023, हैदराबाद
भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद तथा प्रो. जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (प्रोजतेराकृविवि), हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में हैदराबाद में आयोजित बाजरा, ज्वार तथा लघु श्री अन्न पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना समूह की क्रमशः 58वीं, 53वीं तथा 34वीं वार्षिक बैठक का आज शुभारंभ किया गया। यह बैठक गतवर्ष श्री अन्न (बाजरा, ज्वार तथा लघु श्री अन्न) में संपन्न शोध कार्यों की समीक्षा एवं अगले वर्ष हेतु कार्य-योजनाओं के निर्माण हेतु ङाइब्रिड (ऑनलाइन व ऑफलाइन) रूप में आयोजित की गई। समारोह का शुभारंभ मंच पर विराजमान गणमान्य विद्वानों द्वारा दीप प्रज्वलन के पश्चात भाकृअनुप गान एवं प्रोजतेराकृविवि गान से हुआ।
डॉ. एस के प्रधान, सहायक महानिदेशक, (खाद्य एवं चारा फसल), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने समारोह की अध्यक्षता की तथा डॉ. ओ.पी यादव, निदेशक, भाकृअनुप-केशुक्षेअनुसं, जोधपुर तथा डॉ. पी. रघु रामी रेड्डी, अनुसंधान निदेशक, प्रोजतेराकृविवि, हैदराबाद सह-अध्यक्ष तथा डॉ. सी तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-भाश्रीअनुसं, हैदराबाद संयोजक के रूप में उपस्थित हुए।
प्रारंभ में, डॉ. सी. तारा सत्यवती ने इस चिंतन सत्र के प्रयोजन पर प्रकाश डाला। भाकृअनुप के अन्य सहोदर संस्थान के निदेशकों की उपस्थिति ने बैठक की शोभा बढ़ाई।
बैठक के दौरान “श्री अन्न की मांग के बदलते परिदृश्य में उनका क्षेत्र, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाना” पर आयोजित प्रथम गहन चिंतन सत्र में भिन्न-भिन्न विषयों से संबंधित 42 लब्ध-प्रतिष्ठ विद्वानों ने अपने-अपने अनुभव, विचार व सुझाव प्रस्तुत किए। इस चिंतन सत्र में बाजरा, ज्वार तथा लघु श्री अन्न के वर्तमान एवं भावी परिदृश्य प्रस्तुत किए गए। श्री अन्न के क्षेत्र, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने हेतु विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री अन्न के क्षेत्र में गिरावट के कारणों का पता लगाकर उन्हें दूर करने तथा किसानों हेतु लाभप्रद किस्मों, संकरों, प्रौद्योगिकियों के विकास पर बल दिया। प्रस्तुतीकरणों में, वर्तमान परिदृश्य में आसानी से श्री अन्न के खाद्य पदार्थ तैयार करने हेतु प्रौद्योगिकियों के विकास, किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से श्री अन्न की खेती, प्रसंस्करण को बढ़ावा देने, श्री अन्न के वैकल्पिक उपयोगों पर अनुसंधान आदि को प्राथमिकता दी गई।
बैठक के दूसरे सत्र में, डॉ. तारा सत्यवती ने बाजरा, ज्वार तथा लघु श्री अन्न की शोध विशेषताओं पर प्रस्तुतीकरण दिया, तत्पश्चात विषय-विशेषज्ञों के द्वारा पादप प्रजनन, सस्य विज्ञान एवं रोग विज्ञान पर प्रस्तुति सामने रखी गई।
इसके अलावा किस्म पहचान समिति की बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें श्री अन्न के किस्म व संकर हेतु अनुसंधान एवं विकास में कार्यरत विभिन्न सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों के प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। इसी क्रम में कीट विज्ञान, बीज विज्ञान, आनुवंशिक संसाधन प्रबंधन, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, बौद्धिक संपदा अधिकार आदि पर विचार-विमर्श भी किया गया।
सार्वजनिक व निजी क्षेत्र से ऑनलाइन व ऑफलाइन रूप में लगभग 300 विद्वानों ने इस बैठक में शिरकत की।
(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram