23 जनवरी, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 127वीं जयंती के अवसर पर आज ‘पराक्रम दिवस' का आयोजन किया। इस अवसर पर, अटारी कोलकाता के निदेशक, उपस्थित सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों, स्टाफ तथा परियोजना कर्मचारियों ने नेताजी की छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, अटारी, कोलकाता ने भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की साहस, प्रतिबद्धता एवं देश-भक्ति को याद किया और कहा कि नेता तो बहुत हैं, लेकिन नेताजी एक ही हैं। उन्होंने नेताजी के कथन "राष्ट्रीय पुनर्निर्माण केवल विज्ञान तथा हमारे वैज्ञानिकों की सहायता से ही संभव होगा" को उद्धृत किया और कहा कि हमें भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए महान नेताजी की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की दरकार है। उन्होंने बताया कि, यद्यपि, 1950 के दशक में जब स्वतंत्र भारत ने पंचवर्षीय योजनाएं शुरू की तब नेताजी आसपास नहीं थे, लेकिन यह स्पष्ट है कि 1938 में नेताजी ने जिस योजना समिति की स्थापना की थी, वह इस संबंध में पथ प्रदर्शक के रूप में कार्य किया।
डॉ. पी.पी. पाल, प्रधान वैज्ञानिक ने "तुम मुझे खून दो और मैं तुम्हें आजादी दूंगा" के नारे पर अपना विचार साझा किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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