‘मत्स्य स्वास्थ्य पर अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजना (AINP_FH)’ की पहली परिचालन कार्यशाला का आयोजन दिनांक 11 – 12 फरवरी, 2016 को
भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान ( CIFT), कोच्चि में किया गया।
डॉ. सी.एन. रविशंकर, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि ने कहा कि यह परियोजना वर्तमान परिस्थितियों के लिए अत्यधिक प्रासंगिक है क्योंकि जलजीव पालन में प्रतिजीवाणु अर्थात एंटीबायोटिक्स का उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।
डॉ. के.के. विजयन, निदेशक, भाकृअनुप – केन्द्रीय खारा जलजीव पालन अनुसंधान संस्थान, चेन्नई ने संस्थानों के बीच नेटवर्किंग और आंकड़ों की भागीदारी की महत्ता बताई। इन्होंने कहा कि सम्मिलित प्रयासों से भारत में जलजीव पालन में उपयोग होने वाले एंटीबायोटिक्स पर एक संपूर्ण डाटाबेस विकसित किया जा सकता है जिसका इस्तेमाल एंटीबायोटिक उपयोग पर एक बेंचमार्क के रूप में किया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों और अनुसंधान कर्मियों को लाभ पहुंचाने के लिए भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान( CIFT), कोच्चि में अनुकूलित मानक कार्यविधि के अनुसार जलीय नमूनों से एंटीबायोटिक्स अपशिष्ट के निष्कर्षण पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
इस कार्यशाला में कुल 12 वैज्ञानिकों और 12 अनुसंधान फेलो ने भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान( CIFT), कोच्चि)
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