19 दिसम्बर, 2015, इज्जतनगर, उत्तर प्रदेश
भाकृअनुप – भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर (IVRI) , उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्र ने आज यहां पीपीवी एंड एफआरए द्वारा प्रायोजित ‘पादप किस्मों एवं किसान अधिकारों का संरक्षण’ विषय पर किसानों के लिए एक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।
डॉ. ए.के. गर्ग, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा), भाकृअनुप – भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर , उत्तर प्रदेश ने अपने उद्घाटन संबोधन में किसानों को अपनी किस्मों का पंजीकरण कराकर मिलने वाले प्रजनकों के अधिकारों के बारे में बताया । इन्होंने बताया कि ऐसा करके किसानों के पास संरक्षित किस्म के बीजों को उत्पन्न करने, बिक्री करने, विपणन करने, वितरण करने, और आयात अथवा निर्यात करने का अधिकार पूरी तरह से मिल जाता है।
डॉ. रवि प्रकाश, रजिस्ट्रार, पादप किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, नई दिल्ली ने किसानों को पादप किस्मों के विकास, पंजीकरण, संरक्षण तथा बचाव में बने अधिनियम – 2001 के तहत हासिल विभिन्न अधिकारों के बारे में जानकारी दी। साथ ही इन्होंने किसी पादप किस्मों के पंजीकरण हेतु आवेदन करने के लिए अपनाई जाने वाली कार्यविधि के बारे में भी विस्तार से बताया।
इस कार्यक्रम में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मोदीपुरम के संकाय सदस्यों, आत्मा, राज्य के कृषि व बागवानी विभागों के अधिकारियों आदि ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम में बरेली जिले के 15 सामुदायिक विकास ब्लॉक के तहत 45 गांवों के कुल 348 किसानों ने अपना पंजीकरण कराया और इसमें भाग लिया।
(स्रोत : भाकृअनुप – भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर (IVRI) , उत्तर प्रदेश)
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