औषधीय एवं सगंधीय पौधों के लिए जीएसीपी पर भाकृअनुप- औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण

औषधीय एवं सगंधीय पौधों के लिए जीएसीपी पर भाकृअनुप- औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण

6 फरवरी, 2015, आणंद

असोम के कोकराझार जिले के प्रशिक्षुओं के लिए भाकृअनुप – औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय (DMAPR), आणंद में दिनांक 30 जनवरी से 6 फरवरी, 2015 को ‘औषधीय एवं सगंधीय पौधों के लिए बेहतर कृषि एवं संकलन क्रियाएं (जीएसीपी)’ पर आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को कृषि निदेशालय, बोडोलैंड टेरीटोरियल काउन्सिल (BTC), कोकराझार, असोम ने प्रायोजित किया था ताकि औषधीय एवं सगंधीय पादप उत्‍पादकों का क्षमता निर्माण किया जा सके और जमीनी स्‍तर पर औषधीय एवं सगंधीय पादप के संकलन व खेती में कार्यरत लोगों में औषधीय व सगंधीय पौधों के लिए बेहतर कृषि एवं संकलन क्रियाओँ (जीएसीपी) के मूल सिद्धान्‍तों का प्रसार किया जा सके।

ICAR-DMAPR organised Training on GACP for Medicinal and Aromatic Plants ICAR-DMAPR organised Training on GACP for Medicinal and Aromatic Plants

डॉ. जितेन्‍द्र कुमार, निदेशक, भाकृअनुप – औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय (DMAPR), आणंद ने उद्घाटन कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की। इन्‍होंने इस अवसर पर प्रशिक्षुओं को औषधीय एवं सगंधीय पौधों के महत्‍व के बारे में बताया और कहा कि किस प्रकार यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्‍ध प्राकृतिक संसाधनों का इस्‍तेमाल करने में और फार्म आय को बढ़ाने में मददगार होगा।

आपसी विचार-विमर्श के दौरान, मुख्‍य विषय के रूप में जीएसीपी को ध्‍यान में रखते हुए औषधीय एवं सगंधीय पादप के विभिन्‍न पहलुओं यथा पहचान, संकलन, खेती, नाशीजीव व रोग प्रबंधन, कटाई उपरांत प्रबंधन और मूल्‍यवर्धन को शामिल किया गया।  अन्‍य संबंधित पहलुओं यथा पौधा किस्‍म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, विशिष्‍टता, एकरूपता तथा स्थिरता (डीयूएस) परीक्षण, गुणवत्‍ता नियंत्रण, प्रमाणन, बीज मानक, विपणन व आपूर्ति श्रृंखला और जैव विविधता प्रबंधन पर भी चर्चा की गई।

प्रतिभागियों ने निदेशालय में स्थित हर्बल उद्यान तथा तरूवाटिका का दौरा किया। उन्‍हें औषधीय एवं सगंधीय पौधा की खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों के खेतों पर भी ले जाया गया। इसके साथ ही प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

(स्रोत : भाकृअनुप – औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय (DMAPR), आणंद)

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