मन्नूथी, 26 अगस्त, 2016
डॉ. पी. राजेन्द्रन, कुलपति, केएयू द्वारा 'उद्यमिता विकास और दक्षिण भारतीय विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए व्यापार योजना प्रतियोगिता' विषय पर कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध शिक्षा अकादमी, (हैदारबाद), भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी (केरल), पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और केरल कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयासों द्वारा त्रिशूर में आयोजित किया गया। डॉ. राजेन्द्रन ने कृषि क्षेत्र में स्टार्ट-अप उद्यमों की सहायता के लिए प्रौद्योगिकी एवं उद्यमशीलता के अभिसरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मूल्य संवर्धन, उचित उर्वरक प्रयोग एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे उपक्रम कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों में अधिक उद्यमशीलता निर्मित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के प्रति विद्यार्थियों की सोच को बदलने में सहायक होगा जिससे वे आत्मविश्वास के साथ सफल उद्यमी बन सकेंगे।
डॉ. टी.पी. सेतुमाधवन (निदेशक, उद्यमिता, केवीएएसयू) ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि की सकल घरेलू उत्पादन वृद्धि में गिरावट हो रही है और उपाय के तौर पर कृषि व्यवसाय नवाचारों को बढ़ावा देना समय की जरूरत है।
'भाप आसवन द्वारा हल्दी पत्ते के तेल अर्क से निर्मित मच्छर भगाने की जैविक क्रीम' पर परियोजना प्रस्तुत की गई। केरल कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने सर्वश्रेष्ठ उद्यमिता के लिए राष्ट्रीय नवोन्मेष पुरस्कार प्राप्त किए जिसके तहत 10,000 रुपये नकद तथा 5000 रुपये और प्रमाण पत्र विजेता टीम को प्रदान की गई।
सहभागिता बैंकिंग एवं प्रबंधन कॉलेज, केएयू के विद्यार्थियों ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। कार्यशाला में छह विश्वविद्यालयों के कुल 130 विद्यार्थियों ने भाग लिए। व्यापार प्रतियोगिता के लिए 49 प्रविष्टियां पंजीकृत की गई थीं जिसमें से 18 टीम का चयन किया गया और इनमें से 2 बेहतरीन व्यापार योजनाओं को सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
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