कोलकाता, 31 अगस्त, 2016
एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन (एबीआई) परियोजना के अंतर्गत "जूट हस्तशिल्प निर्माण" पर छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आईसीएआर - एनआईआरजेएएफटी, कोलकाता द्वारा केवीके, भद्रक (ओयूएटी) ओडिशा में 25-30 अगस्त, 2016 को आयोजित किया गया। ओडिशा के भद्रक जिले के कृषि आधारित शिल्प कार्य से जुड़े 15 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
समापन कार्यक्रम में डॉ. पी.एन. जगदेव, डीन (विस्तार), ओयूएटी, ओडिशा द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। डॉ. ए.एन. रॉय, पी.आई., आईबीआई योजना ने जूट से बनी वस्तुओं के निर्माण के माध्यम से उद्यमिता विकास की जानकारी दी। डॉ. अरविन्द दास, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके, भद्रक ने जूट से निर्मित हस्तशिल्प के बाजार के बारे में चर्चा की। डॉ. लक्ष्मीकांत नायक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईसीएआर – एनआईआरजेएएफटी, कोलकाता ने कार्यक्रम का सह-समन्वय किया।
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