16 दिसंबर, 2016, मुंम्बई
भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान (सीआईएफई), मुंम्बई द्वारा ‘उच्च मात्स्यिकी शिक्षा’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डॉ. गोपाल कृष्ण, निदेशक, आईसीएआर-सीआईएफई, मुंम्बई ने अपने संबोधन में कहा कि देश में ‘नीली क्रांति’ को सफल बनाने के लिए मात्स्यिकी शिक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है। इस क्रम में विद्यार्थियों की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु मूलभूत आवश्यकताओं को बढाने के लिए राज्य मात्स्यिकी कॉलेजों को सहयोग प्रदान करने की आवश्यकता है।
डॉ. जी. वेंकटेशवरलू, सहायक महानिदेशक (ईक्यूआर), शिक्षा संभाग, भाकृअनुप ने विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को सहयोग द्वारा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भाकृअनुप द्वारा जारी विभिन्न परियोजनाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
डॉ. पी. जयशंकर, निदेशक, आईसीएआर- सीफा ने अपने संबोधन में उच्च शिक्षा में उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तत्वों को शामिल करने के लिए की वकालत की।
डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप- डीसीएफआऱ, भीमताल, डॉ. मसूद बल्खी, डीन, सीओएफ- जम्मू व कश्मीर, डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप- सीआईएफआरआई, बैरकपुर ने भी स्नातक एवं परास्नातक के बीच समन्वय लाने पर अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भाकृअनुप – मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के सहयोग द्वारा मात्स्यिकी कॉलेजों के शिक्षा तंत्र को मदद प्रदान करना था।
परामर्श बैठक में जम्मू व कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा तथा राजस्थान के मात्स्यिकी कॉलेजों के डीन ने भाग लिया।
(स्रोतः भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंम्बई)
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