पशु के अच्छे स्वास्थ्य और अधिक उत्पादन के लिए नेपियर घास एक अच्छा विकल्प है। वर्तमान में आवश्यक्ता के मुकाबले हरे चारे की उपलब्धता में लगभग 64 प्रतिशत की कमी आयी है जिससे पशु के स्वास्थ्य एवं उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है। पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने तथा कम लागत में हरे चारे की उपलब्धता बनाए रखने के मकसद से भाकृअनुप- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा दिनांक 18 अगस्त 2018 को इज्जतनगर में बाजरा नेपियर संकर घास विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषकों के लिए बाजरा संकर नेपियर घास कटिंग का चुनाव, खेत की तैयारी, पोषक तत्व प्रबंघन, कटिंग का रोपण, सिंचाई प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, चारा कटाई का उचित समय व तरीका आदि के संबंध में किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। किसानों को खेत में ले जाकर, खेत तैयार करने तथा कटिंग रोपण का सही तरीका प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डा. राज कुमार सिंह द्वारा 30 गांवों के 35 किसानों को नेपियर घास की 54,000 कटिंग रोपाई हेतु नि:शुल्क वितरित किया गया।
संस्थान के वैज्ञानिक एवं किसानों के प्रयास से नेपियर घास न केवल बरेली में बल्कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार आदि राज्यों में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इस कार्यक्रम में निदेशक के अतिरिक्त संस्थान के संयुक्त निदेशक, शोध, डा. बी.पी. मिश्रा तथा अन्य विषय विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
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