भोपाल, 14 जून 2011
कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए कृषि अनुसंधान कार्यकलापों में प्राथमिकता तय किया जाना जरूरी है और इसके साथ ही कृषि अनुसंधान को मांग के अनुरूप ढालने की आवश्यकता है। यह बात डॉ. एस. अय्यप्पन, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प. ने आज भोपाल में देशभर में फैले भा.कृ.अनु.प. अनुसंधान प्रणाली के प्रक्षेत्रीय केंद्रों के विभागाध्यक्षों की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए कही।
जरूरतों की तुरंत पहचान की जानी चाहिए जिनके कारण गैप की स्थितियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कृषि अनुसंधान को अंशधारकों के लिए प्रभावी बनाए जाने हेतु कई प्रकार की सलाह भी उपस्थित वैज्ञानिकों के सम्मुख प्रस्तुत की। उन्होंने वर्ष के दौरान देश में खाद्यान्न के रिकार्ड उत्पादन (लगभग 236 टन) के लिए संतोष जताते हुए वैज्ञानिकों को भी उनके योगदान के लिए बधाई दी।
बैठक का आयोजन विभिन्न प्रक्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों पर जारी अनुसंधान प्रायोजनाओं की प्राथमिकता तय करने के अलावा मॉनीटरिंग एवं मूल्यांकन के उद्देश्य से किया गया था।
(स्रोतः एनएआईपी सब-प्रोजेक्ट मास-मीडिया मोबिलाइजेशन, डीकेएमए)
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