एआईसीआरपी- खरपतवार प्रबंधन की वार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित

एआईसीआरपी- खरपतवार प्रबंधन की वार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित

26- 27 मई, 2023, जम्मू

वर्ष 2022-23 के एआईसीआरपी-डब्ल्यूएम केन्द्रों की प्रगति की समीक्षा के लिए 26-27 मई, 2023 के दौरान जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एआईसीआरपी खरपतवार प्रबंधन की 30वां वार्षिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य अतिथि, डॉ. एस.के. चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भाकृअनुप ने स्थायी खाद्य प्रणाली में खरपतवार प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला तथा खरपतवार वैज्ञानिकों को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने खरपतवार प्रबंधन में विभिन्न मुद्दों और चुनौतियों पर जोर दिया एवं प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, शाकनाशी प्रतिरोधी खरपतवारों के प्रबंधन, खरपतवार जोखिम मूल्यांकन, डिजिटल खेती, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सटीक खरपतवार प्रबंधन उपकरण, ड्रोन-आधारित शाकनाशियों का अनुप्रयोग, आदि जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़ी उभरती चुनौतियों पर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।

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प्रोफेसर नज़ीर अहमद गनई, वाइस-चांसलर, स्कास्ट-जम्मू एवं कश्मीर ने फसल हानि पर खरपतवारों के प्रभाव का अध्ययन करने और खरपतवारों के कारण फसल हानि की सीमा को कम करने के लिए प्रभावी खरपतवार प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के विकास का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण पर शाकनाशियों के प्रभाव को कम करने के लिए शाकनाशियों का विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक है।

सम्मानित अतिथि, डॉ. राजबीर सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि विज्ञान, कृषि वानिकी और जलवायु परिवर्तन) ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव कारण फसल एवं खरपतवार के बीच स्पर्धा पर प्रकाश डाला। उन्होंने पंजाब और हरियाणा में कोविड काल के दौरान चावल की सीधी बुवाई (डीएसआर) पर आधारित की सफलता की कहानियों पर भी जोर दिया तथा वैज्ञानिकों से शाकनाशी सहिष्णु चावल की किस्मों एवं अवशेष मल्चिंग प्रौद्योगिकियों की आगामी रिलीज पर विचार करते हुए डीएसआर पर काम करने का आग्रह भी किया।

डॉ. आर.के. समनोत्रा, अनुसंधान निदेशक, एसकेएयूएसटी- जम्मू ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में चावल, सब्जी फसलों, चारागाह भूमि, वन भूमि, अन्य क्षेत्र, और चारा फसलों एवं जल निकायों में प्रमुख खरपतवारों की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन पारिस्थितिक तंत्रों में खरपतवार की समस्याओं को कम करने के लिए समय पर तकनीकी हस्तक्षेप और प्रभावी नीति निष्पादन के महत्व को विस्तार से उल्लेख किया।

इससे पूर्व डॉ. जे.एस. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, जबलपुर ने एआईसीआरपी-डब्ल्यूएम की उत्पत्ति तथा देश की विभिन्न कृषि-पारिस्थितिकी क्षेत्रों में विभिन्न फसलों एवं फसल प्रणालियों में खरपतवार प्रबंधन तकनीकों के विकास एवं प्रसार में एआईसीआरपी-डब्ल्यूएम केन्द्रों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में संक्षेप में उल्लेख किया।

इस अवसर पर विभिन्न एआईसीआरपी-डब्ल्यूएम केन्द्रों द्वारा खरपतवार प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर दस प्रकाशन भी जारी किए गए।

एआईसीआरपी-डब्ल्यूएम केन्द्रों के प्रमुख जांचकर्ताओं और वैज्ञानिकों, भाकृअनुप डीडब्ल्यूआर और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों, राज्य सरकार के अधिकारियों, कीटनाशक उद्योगों के प्रतिनिधियों, संकाय सदस्यों तथा एसकेयूएएसटी-जम्मू के छात्रों सहित 150 से अधिक प्रतिभागियों ने उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लिया।

डॉ. आर.पी. दुबे, प्रभारी, एआईसीआरपी-डब्ल्यूएम ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

(स्रोत: भाकृअनुप-खरपतवार अनुसंधान निदेशालय, महाराजपुर, अधारताल)

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