4 अप्रैल, 2025, नई दिल्ली
10 अफ्रीकी देशों के 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दौरा किया। ये प्रतिनिधि राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (नीति आयोग का एक स्वायत्त संस्थान) द्वारा आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘जमीनी स्तर पर स्वरोजगार के माध्यम से आजीविका संवर्धन’ के प्रतिभागी थे। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत भाकृअनुप-आईएआरआई के संयुक्त निदेशक (विस्तार), डॉ. आर.एन. पडारिया ने किया।
डॉ. पडारिया ने विभिन्न प्रकार की प्रौद्योगिकियों के विकास के माध्यम से हरित क्रांति लाने में भाकृअनुप-आईएआरआई के योगदान के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिनिधियों को बताया कि भाकृअनुप-आईएआरआई अफ्रीकी नागरिकों के लाभ के लिए अनुकूलित क्षमता निर्माण कार्यक्रम की व्यवस्था कर सकता है।

भाकृअनुप-आईएआरआई द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों का लाभ संबंधित क्षेत्र में काम करने वाली फर्मों द्वारा लाइसेंस लेकर अफ्रीकी किसानों तक पहुंचाया जा सकता है। अफ्रीकी देशों और भारत के बीच सहयोग समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके संभव है, जिससे वैज्ञानिक विशेषज्ञों, छात्रों और नीति निर्माताओं के आदान-प्रदान में सुविधा होगी।
एनआईएलईआरडी की उप निदेशक, डॉ. अनुपमा सरकार ने बताया कि प्रतिभागी जिला स्तर के कार्यकर्ता हैं और ग्रामीण विकास को सक्षम बनाने वाले सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों को जानने में रुचि रखते हैं और इस परिप्रेक्ष्य में भाकृअनुप-आईएआरआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का दौरा महत्वपूर्ण था।
प्रतिनिधियों ने भाकृअनुप-आईएआरआई के एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल और भाकृअनुप-आईएआरआई के संरक्षित खेती प्रौद्योगिकी केन्द्र में हाइड्रोपोनिक और एक्वापोनिक शोध कार्य का भी दौरा किया। प्रतिनिधि उनके सामने प्रदर्शित अवधारणा और प्रौद्योगिकियों से बहुत प्रभावित हुए और प्रौद्योगिकियों की ताकत के बारे में आश्वस्त थे। वे अपने मंत्रालय और नीति निर्माताओं पर वकालत और प्रभाव डालकर अपने देशों में इसे लागू करने के लिए उत्साहित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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