बिहार की कृषि में प्रौद्योगिकी उपयोग के लिए केवीके इंटरफ़ेस

बिहार की कृषि में प्रौद्योगिकी उपयोग के लिए केवीके इंटरफ़ेस

पटना, 30 मई, 2012

KVK-interface-zpd-kilkata-04-06-2012-1_1.jpg बिहार की कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय केवीके इंटरफ़ेस का आयोजन किया गया। यह आयोजन बिहार पशु चिकित्सा कॉलेज, पटना में डॉ. मंगला राय, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार एवं पूर्व सचिव, डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सभा को संबोधित करते हुए डा. राय ने केवीके को अधिक कुशल, प्रभावी और कृषक समुदाय के लिए प्रासंगिक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बेहतर निगरानी, वास्तविक क्षेत्र विस्तार और जिले के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को संबोधित करते हुए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों के विश्लेषण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने केवीके की भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा की और बिहार राज्य की कृषि योजना के संदर्भ में क्षेत्र विशेष कार्य योजना के विकास की भी सलाह दी।

डॉ. के. डी. कोकाटे, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों को अपनी गतिविधियों को शुरू करने से पहले कृषक समुदाय के लिए खेती से संबंधित जरूरतों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र को मजबूत बनाने में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा की गई पहलों को प्रस्तुत किया।

KVK-interface-zpd-kilkata-04-06-2012-2_1.jpg डॉ. ए.के. सिंह, क्षेत्रीय परियोजना निदेशक, क्षेत्र II, कोलकाता ने पिछले पांच सालों में हुई कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों और विभिन्न केंद्रों की भागीदारी एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित योजनाओं को प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र के संबंध में बारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए प्रस्तावित सुविधाओं का संक्षिप्त ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।

डॉ. आर. के. मित्तल, कुलपति, राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, डॉ. जी. त्रिवेदी, पूर्व कुलपति, राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा एवं श्री अरविंदर सिंह, कृषि निदेशक ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

बिहार के कृषि विज्ञान केंद्रों व जिलों के आत्मा अधिकारी, राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के जेडपीडी अधिकारी, पूसा और बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

(स्रोत- क्षेत्रीय परियोजना निदेशालय, क्षेत्र- II, कोलकाता)

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