11- 15 सितंबर 2023, मखदूम
भाकृअनुप-केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम ने 11- 15 सितंबर, 2023 तक 'बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान' पर व्यावहारिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। प्रशिक्षण मॉड्यूल ने क्षेत्र के पशु चिकित्सकों को बकरियों में एआई और पशुधन मालिकों के समग्र विकास के लिए वांछित ज्ञान और कौशल प्रदान किया है।
पाठ्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय नस्लों में सुधार और सतत विकास के लिए उत्पादकता में वृद्धि के लिए बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान पर नवीनतम ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। पाठ्यक्रम के उद्देश्यों को प्रस्तुतियों, व्यावहारिक अभ्यासों और समूह चर्चाओं के संयोजन के माध्यम से प्राप्त किया गया था।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का उद्घाटन वीसीआई, भारत के उपाध्यक्ष, डॉ. प्रदीप कुमार यादव ने किया।
डॉ. प्रवीण मलिक, सीईओ, एग्रीनोवेट, भाकृअनुप नई दिल्ली, पाठ्यक्रम के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। डॉ. मलिक ने बताया कि बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान से उत्पादकता में सुधार होता है और नस्ल सुधार में भी मदद मिलती है।
पाठ्यक्रम निदेशक, डॉ. मनीष के चटली, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईआरजी, मखदूम का कहना है कि यह प्रशिक्षण मॉड्यूल भारत के विभिन्न राज्य पशुपालन विभागों के सभी पशु चिकित्सकों और पैरा-पशु चिकित्सकों के लिए है, और चरण-वार ढंग से सभी राज्यों को स इसमें शामिल किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशु चिकित्सा अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान, भुवनेश्वर, पशुपालन विभाग, ओडिशा से कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम)
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