17 नवम्बर, 2023, कानपुर
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड, उत्तर पूर्वी मैदान और विंध्य क्षेत्र के अंतर्गत 23 केवीके की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-III, कानपुर में शुरू की गई।
डॉ. शांतनु कुमार दुबे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोन-III, कानपुर ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन उत्तर प्रदेश के जलवायु क्षेत्र. के बुंदेलखंड, उत्तर पूर्वी मैदानी इलाकों और विंध्य कृषि के 23 केवीके के लिए वर्ष 2024 की कार्य योजना तैयार करने के लिए केवीके को मार्गदर्शन देने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने केवीके से किसानों की स्थितियों और समस्याओं को समझने और आवश्यकता-आधारित, स्थिति-विशिष्ट तकनीकी योजना विकसित करने का आग्रह किया। डॉ. दुबे ने प्राथमिकता वाले कारणों के लिए क्षेत्र-आधारित हस्तक्षेपों को समय-सारणी के अनुसार खेत पर परीक्षणों तथा बहु-विषयक हस्तक्षेपों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने केवीके से किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देने तथा खेत पर परीक्षण विकसित करने का भी आग्रह किया।
12 केवीके (बहराइच-I, बहराईच-II, गोंडा-I, गोंडा-II, बलरामपुर, झाँसी, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ललितपुर, बांदा और चित्रकूट) के प्रमुखों ने उद्घाटन सत्र के बाद 2024 के लिए अपनी कार्य योजनाएँ प्रस्तुत कीं।
डॉ. ओ.पी. सिंह, पूर्व निदेशक (विस्तार), एसवीपीयूएटी, मेरठ; डॉ. आर.आर. सिंह, अपर निदेशक (विस्तार), एएनडीयूएटी, अयोध्या; कार्यशाला में बीयूएटी, बांदा के अपर निदेशक (प्रसार) डॉ. नरेंद्र सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-III, कानपुर)
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