2 नवंबर, 2023, कानपुर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-III कानपुर, उत्तर प्रदेश के भाबर एवं तराई क्षेत्र, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र और मध्य-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के 24 केवीके की दो दिवसीय मध्यावधि समीक्षा कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।
डॉ. शांतनु कुमार दुबे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कानपुर ने सभी मेहमानों का स्वागत किया और इस कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि मध्यावधि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य 2024 के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों की कार्य योजना तैयार करना है। वर्ष 2023 में कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किए गए कार्यों की भी समीक्षा की जा रही है। डॉ. दुबे ने कहा कि सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों को अपने द्वारा किये गये कार्यों का समुचित दस्तावेजीकरण संधारित करना होगा। उन्होंने कहा कि मुखिया एवं एसएमएस समन्वय के साथ काम करें और गांवों का दौरा करें, किसानों के साथ समूह चर्चा करें, उनकी समस्याओं को सुनें और उनकी जरूरतों के अनुसार कार्य की योजना बनाएं।
डॉ. पी.के. सिंह, निदेशक (विस्तार), एसवीपीयूएटी, मेरठ ने बताया कि किसानों की कठिनाइयों के बारे में सुनने के बाद, एसवीपीयूएटी मेरठ के सभी केवीके ने अपने क्षेत्र के गांवों का दौरा किया, कार्य योजना बनाई और किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए काम किया।
डॉ. ओ.पी. सिंह, पूर्व निदेशक (विस्तार), एसवीपीयूएटी, मेरठ ने केवीके प्रमुखों और एसएमएस से नई प्रौद्योगिकियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए समन्वय के साथ काम करने की अपील की। किसानों की जरूरतें और समस्याएं केवीके गतिविधियों पर केन्द्रित है।
उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र में उत्तर प्रदेश के भाबर एवं तराई क्षेत्र, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र तथा मध्य-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के 24 कृषि विज्ञान केन्द्रों ने कार्ययोजना 2024 प्रस्तुत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कानपुर)
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