5-7 मार्च, 2024, बेंगलुरु
भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर), हेसरघट्टा, बेंगलुरु में 5 मार्च, 2024 से आयोजित राष्ट्रीय बागवानी मेला- 2024 का 3 दिवसीय मेगा कार्यक्रम 7 मार्च, 2024 को केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार, सुश्री शोभा करंदलाजे की गरिमामयी उपस्थिति के साथ संपन्न हुआ।
मंत्री ने कहा कि किसान फल, सब्जी, फूल एवं औषधीय फसलों की विविधता को देखने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि देश हरित क्रांति के दौरान खाद्यान्न की कमी से अधिशेष उत्पादन में परिवर्तित हो गया है। देश में बागवानी फसल का उत्पादन खाद्यान्न उत्पादन से आगे निकल गया है, जिससे पोषण सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। सुश्री करंदलाजे ने किसानों को प्रतिकूल परिस्थितियों में उत्पादन बनाए रखने में मदद करने के लिए जलवायु-अनुकूल फसल किस्मों एवं प्रौद्योगिकियों को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने किसानों से अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए मूल्य संवर्धन पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया। मंत्री ने किसानों और महिला सशक्तिकरण के लिए केन्द्र सरकार की योजनाओं और वित्तीय सहायता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कीटनाशक अवशेषों की अस्वीकृति और किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए ड्रोन, उच्च उपज देने वाली किस्मों और उच्च घनत्व रोपण प्रणालियों जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर भी प्रकाश डाला। इन उपायों का उद्देश्य भारतीय उपज की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करना है।
डॉ. प्रकाश पाटिल, निदेशक (कार्यवाहक), भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु ने एनएचएफ 2024 मेले में 22 राज्यों के 70,000 से अधिक आगंतुकों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में पुलिस, कानून और व्यवस्था, यातायात पुलिस, अग्नि सुरक्षा, एम्बुलेंस सेवा आदि सहित विभिन्न सेवा प्रदाता शामिल थे।
श्रीमती जिक्सी राफेल, उप-महाप्रबंधक, नाबार्ड, श्रीमती रोहिणी सिंधुरी, भारतीय प्रशासनिक सेवा, विशेष सचिव, खाद्य प्रसंस्करण और हार्वेस्ट प्रौद्योगिकी, कर्नाटक सरकार, श्री रमेश डी.एस. भारतीय प्रशासनिक सेवा, बागवानी निदेशक, कर्नाटक सरकार और डॉ. वी.बी. पटेल, सहायक महानिदेशक (फल एवं वृक्षारोपण फसलें), भाकृअनुप, समापन सत्र के सम्मानित अतिथि थे।
समापन कार्यक्रम में भाकृअनुप-आईआईएचआर की 248 अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों एवं 'कोकोपोनिक्स: एक भविष्य की मिट्टी रहित सब्जी उत्पादन प्रणाली' पर प्रकाशन शामिल थे। इसके अतिरिक्त. आईआईआईटी, श्रीसिटी, चित्तूर, आंध्र प्रदेश और टैंकोइर, तमिलनाडु सरकार के साथ दो समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, हेसरघट्टा, बेंगलुरु)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें