8 मार्च, 2024, देहरादून
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (आईआईएसडब्ल्यूसी), देहरादून और इसके विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों ने आज 'महिलाओं में निवेश करें, प्रगति में तेजी लाएं' विषय पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। इस आयोजन का उद्देश्य लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकार, प्रजनन अधिकार और लैंगिक हिंसा के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।
भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी के निदेशक, डॉ. एम. मधु ने जीवन के सभी क्षेत्रों की महिलाओं के योगदान को स्वीकार किया।
एचआरडी और एसएस डिवीजन के प्रमुख, डॉ. चरण सिंह ने हमारे देश की समृद्ध संस्कृति के बारे में बात साझा की, जहां महिलाएं हमेशा 'शक्ति' का पर्याय रही हैं। डॉ. आर.के. सिंह, प्रमुख, एच एंड ई ने बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए महिलाओं में समय, धन तथा शिक्षा के मामले में निवेश करने पर प्रकाश डाला।
पादप विज्ञान प्रभाग के प्रमुख, डॉ. जे.एम.एस. तोमर ने बताया कि मिट्टी तथा पानी का संरक्षण भी महिलाओं को सम्मान देने का एक तरीका है।
एसएस एंड ए के प्रमुख, डॉ. डी.वी. सिंह ने कहा कि संस्थान कामकाजी मोर्चे पर कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों में समानता बनाए रखने का प्रयास करता है।
भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी की डीडीओ, श्रीमती कमला बर्गली, ने सभी महिलाओं से समानता हासिल करने के लिए समान रूप से सोचने का आग्रह किया।
डॉ. शाकिर अली, प्रमुख, भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी, अनुसंधान केन्द्र, कोटा ने विज्ञान, अनुसंधान और विकास कार्यों में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. सोमसुंदरम जयारमन, प्रमुख, आरसी, भाकृअनुप-आईआईएसडब्ल्यूसी ने समाज के उत्थान में महिलाओं की भूमिका के महत्व तथा सभी क्षेत्रों में उनका सम्मान करने एवं उन्हें बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में, सभी प्रभागों के प्रमुखों, ओआईसी, पीएमई, वैज्ञानिकों, तकनीकी कर्मचारियों और प्रशासनिक कर्मचारियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
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