28 जून, 2025, झारखंड
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, झारखंड ने आज अपना 11वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर पद्म भूषण डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप), मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
डॉ. परोदा ने वृक्षारोपण अभियान में भाग लेकर समारोह का उद्घाटन किया और किसानों को फलदार एवं पर्यावरण के लिए लाभकारी पौधे वितरित किए, जिससे पारिस्थितिक स्थिरता को बढ़ावा मिला और कृषि उत्पादकता में सुधार हुआ। उन्होंने संस्थान के अनुसंधान और शैक्षणिक बुनियादी ढांचे की भी समीक्षा की और उसकी प्रगति की सराहना की।

स्थापना दिवस व्याख्यान देते हुए, डॉ. परोदा ने पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया और इस परिवर्तन में भाकृअनुप-आईएआरआई, झारखंड की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने खाद्यान्न संकट से आत्मनिर्भरता की ओर भारत की यात्रा की सराहना की और युवा कृषि पेशेवरों को भविष्य की प्रगति का नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. दिनेश कुमार सिंह, कुलपति, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, पलामूल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उन्होंने संस्थान के तीव्र विकास और क्षेत्रीय कृषि विकास में इसके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में, डॉ. चेरुकमल्ली. श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई ने भारतीय कृषि में संस्थान की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला और झारखंड परिसर के सराहनीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर राज्य सरकारों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से फसल सघनता बढ़ाने का आग्रह किया।

डॉ. विश्वनाथन चिन्नुस्वामी, संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), भाकृअनुप-आईएआरआई ने अपने उद्घाटन संबोधन में अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के प्रति संस्थान के एकीकृत दृष्टिकोण की सराहना की और निरंतर संस्थागत समर्थन का आश्वासन दिया।
इस समारोह में वैज्ञानिकों, संकाय सदस्यों, छात्रों, किसानों, किसान संगठनों और मीडिया प्रतिनिधियों सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर, विशिष्ट वैज्ञानिकों, शिक्षकों, छात्रों, किसानों और पत्रकार संगठनों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, झारखंड)
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