12 जनवरी, 2024, पुणे
भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, पुणे ने आज पुणे (महाराष्ट्र) में अपनी तीसरी उद्योग-अकादमिक इंटरफ़ेस बैठक का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य प्रयोगशाला से अंतिम उपयोगकर्ता तक प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास एवं प्रसार तथा स्नातकोत्तर शिक्षण और अनुसंधान में सहयोग की सुविधा के साथ-साथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और उद्योगों के बीच अंतर को पाटना है।
डॉ. त्रिवेणी दत्त, निदेशक-सह-कुलपति, भाकृअनुप-आईवीआरआई ने अनुबंध अनुसंधान और सार्वजनिक-निजी भागीदारी सहित सहयोगात्मक प्रयासों के लिए उद्योग जगत को निमंत्रण दिया। उन्होंने भाकृअनुप के दिशानिर्देशों के अनुरूप सीएसआर-वित्त पोषित पहलों में उद्योग की भागीदारी का आग्रह किया, जिसमें शिक्षण और अनुसंधान, बुनियादी ढांचे के विकास एवं विस्तार तथा सामाजिक कल्याण गतिविधियों के समर्थन के पारस्परिक लाभों पर जोर दिया गया।
महाराष्ट्र के पशुपालन आयुक्त, डॉ. हेमंत वासेकर (भारतीय प्रशासनिक सेवा) ने सभी हितधारकों के लिए इस आयोजन के महत्व और पशुधन क्षेत्र के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से पूरे भारत में पशुपालक किसानों की सामूहिक एवं प्रभावी ढंग से उनकी बेहतरी के लिए सहयोग करने का आग्रह किया।
बैठक में भाकृअनुप-आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक और प्रमुख भी उपस्थित रहे।
उद्योग प्रतिनिधियों और भाकृअनुप-आईवीआरआई के वैज्ञानिकों के बीच एक पैनल चर्चा एवं बातचीत आयोजित की गई।
बैठक में 33 उद्योगों के कुल 64 प्रतिनिधियों तथा 90 प्रतिभागियों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज़्ज़तनगर)
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