4-5 मई 2023, सरगाछी
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), कोलकाता ने जलवायु अनुकूल कृषि (नीक्रा) – टीडीसी परियोजना पर राष्ट्रीय नवाचारों के लिए, जोन पांच के तहत, ओडिशा के कृषि विज्ञान केन्द्रों (9 केवीके), पश्चिम बंगाल (7 केवीके) और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (1 केवीके) के लिए वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 2-4 मई, 2023 के दौरान आर. के. मिशन आश्रम-धन्यगंगा कृषि विज्ञान केन्द्र, सरगाची, बेरहामपुर, पश्चिम बंगाल में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य 2022-23 में परियोजना की गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा करना तथा 2023-24 के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप देना था।
श्री अधीर रंजन चौधरी, बेरहामपुर से सांसद, लोकसभा में विपक्ष के नेता तथा संसद की लोक लेखा स्थायी समिति के अध्यक्ष ने समापन सत्र में कृषि क्षेत्र की हरित क्रांति के बाद की समृद्धि और उन खामियों के बारे में बताया जो अभी भी नीति निर्माताओं के तरफ से संशोधित किया जाना बांकी है साथ ही मां प्रकृति की अत्यधिक देखभाल करने की शपथ लेने पर जोर देने की बात कही, जो आने वाले समय में इसके बदले वो मानव जाति की देखभाल करेगी। उन्होंने कृषि के स्थानीय मुद्दों जैसे मिट्टी में आर्सेनिक संदूषण, बाढ़, मिट्टी का क्षरण आदि पर प्रकाश डाला तथा जिले के लिए भाकृअनुप द्वारा निक्रा परियोजना शुरू करने के लिए उसकी सराहना की।
स्वामी विश्वमयानंद महाराज, सचिव, आरकेएमए, सरगाची ने उद्घाटन सत्र में कृषि के क्षेत्र में विज्ञान और आध्यात्मिकता के एकीकरण के बारे में बताया जहां प्रकृति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
डॉ. एच.के. सेनापति, अध्यक्ष, निक्रा जोनल मॉनिटरिंग कमेटी ने स्थिरता के लिए प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग पर जोर दिया।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी कोलकाता ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में संरक्षण कृषि का बहुत बड़ा महत्व है और उन्होंने बेहतर लाभप्रदता के लिए उत्पादन प्रणालियों को बाजार की जानकारी से जोड़ने का आग्रह किया है।
डॉ. एम. प्रभाकर, पीआई, निक्रा, भाकृअनुप-क्रीडा, हैदराबाद ने वैश्विक तापमान में पूर्ववर्ती तथा क्रमिक वृद्धि और इससे संबंधित परिणामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जोन V के नीक्रा-केवीके के प्रति गहन देखभाल के लिए जलवायु भेद्यता के खिलाफ हस्तक्षेपों के पोषण और संबन्धित प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने के लिए अपने विचारों द्वारा आह्वान किया।
श्री ए. नायक, डीडीए (प्रशासन), मुर्शिदाबाद ने प्राकृतिक संसाधनों के इष्टतम उपयोग तथा मुर्शिदाबाद के राज्य के फसल कैफेटेरिया होने के लाभों के लिए राय दी।
श्री नजरूल इस्लाम, सभापति, बेलडांगा प्रथम पंचायत समिति ने मुर्शिदाबाद जिले के लिए निक्रा परियोजना को मंजूरी देने के लिए भाकृअनुप का आभार व्यक्त किया है और हर संभव तरीके से साथ देने का वादा किया है।
इससे पहले, डॉ. एफ.एच. रहमान, प्रधान वैज्ञानिक-सह-नोडल अधिकारी ने विभिन्न मॉड्यूलों के संबंध में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के प्रसार में सभी 17 केवीके की भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही एनआरएम, फसल उत्पादन, पशुधन और मत्स्य पालन, तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर जलवायु प्रतिकूलताओं का मुकाबला करने के लिए अब तक 35 गांवों के किसानों के बीच संस्थागत हस्तक्षेप के बारे में बताया।
इस प्रकार कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में जलवायु स्मार्ट अनुकूल रणनीतियों पर एक तकनीकी बुलेटिन और पशुधन के लिए एक तनाव-विरोधी पूरक 'निरामॉय' जारी किया गया।
सभी केवीके ने पिछले वर्ष के दौरान आयोजित परियोजना की गतिविधियों की अपनी प्रगति प्रस्तुत की, जिसकी विशेषज्ञों और पैनलिस्टों द्वारा समीक्षा की गई तथा प्रत्येक केवीके की 2023-24 की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया।
क्षेत्रीय निगरानी समिति के सदस्यों ने 3 मई को विभिन्न मॉड्यूलों की जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के चल रहे प्रदर्शनों की निगरानी और समीक्षा के लिए केवीके द्वारा गोद लिए गए निक्रा गांव सूजापुर का दौरा किया। समिति ने वीसीआरएमसी सदस्यों, किसानों और गाँव की खेतिहर महिलाओं के साथ जलवायु भेद्यता तथा उनकी संभावित अनुकूल रणनीतियों के साथ-साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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