19 अगस्त, 2023,पटना
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोन-IV ने आज अपना 8वां स्थापना दिवस मनाया।
डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी, मुख्य अतिथि ने किसानों के लिए नवीन तकनीकों के महत्व पर जोर दिया और बदलते कृषि परिदृश्य में जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों और विविधीकरण के महत्व पर अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र को भविष्य में सटीक खेती की आवश्यकता को देखते हुए विस्तार प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए आईसीटी आधारित पहल विकसित करने की जरूरत है।
सम्मानित अतिथि, डॉ. आर.आर. बर्मन, सहायक महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने केवीके के भविष्य की कार्यविधि के बारे में बात की साथ ही सटीक कृषि को आगे बढ़ाने के लिए उसमें ड्रोन तकनीकी को शामिल करने तथा आईसीटी पहल के लिए किसान को संगठित करना था।
भाकृअनुप-अटारी, पटना के निदेशक, डॉ. अंजनी कुमार ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और जोन-IV की गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर बिहार सरकार के संयुक्त सचिव (कृषि), श्री अनिल कुमार झा ने किसानों के हित में अपने विचार व्यक्त किये।
डॉ. शांतनु कुमार दुबे, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन III कानपुर ने सदन को प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता तथा फसल विविधता के संबंध में इस क्षेत्र की ताकत के बारे में जानकारी दी।
डॉ. विशाल नाथ, निदेशक भाकृअनुप-आईएआरआई, हज़ारीबाग़, झारखंड, डॉ. के.जी. मंडल, निदेशक भाकृअनुप-एमजीआईएफआरआई, मोतिहारी, डॉ. अनुप दास, निदेशक भाकृअनुप-आरसीईआर, पटना ने भी कार्यक्रम के दौरान अपनी बहुमूल्य जानकारी साझा की। प्रकाशन के विमोचन के साथ बिहार और झारखंड के प्रगतिशील उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया. इसके बाद वैज्ञानिक-किसान संवाद हुआ और विभिन्न विशेषज्ञों की उपस्थिति में किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-अटारी, पटना)
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