1 सितंबर 2023, नई दिल्ली
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और बायर ने फसलों, किस्मों, फसल सुरक्षा, खरपतवार और मशीनीकरण के लिए संसाधन-कुशल, जलवायु-अनुकूल समाधान विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता संस्थागत दृष्टिकोण के आधार पर किसानों को गुणवत्तापूर्ण कृषि-इनपुट और सलाहकार सेवाएं प्रदान करके कृषि में स्थिरता कार्यक्रम, इससे संबन्धित प्रयासों तथा एक साथ काम करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।
साझेदारी का उद्देश्य फसलों में संसाधन-कुशल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना, छोटे किसानों को कृषि संबन्धी सलाह के साथ सशक्त बनाना और कार्बन क्रेडिट बाजार विकसित करना है। सहयोग का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान के माध्यम से सटीक कृषि पद्धतियों को विकसित करना भी है। कृषि विज्ञान केन्द्र प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता-निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी जानकारी एवं विशेषज्ञता का लाभ उठाकर व्यापक आधार पर किसानों तक पहुंच को मजबूत करेंगे।
संस्थागत साझेदारी धान की खेती में सीधी बुआई वाले चावल (डीएसआर) जैसी कुशल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। बायर, परिभाषित समूहों में जागरूकता के साथ-साथ शिक्षा कार्यक्रमों, इनपुट उपलब्धता तथा मशीनीकरण समाधानों के माध्यम से केवीके कृषि-उद्यमियों का समर्थन करेगा।
भाकृअनुप तथा बायर छोटे किसानों को अधिक पैदावार प्राप्त करने, जलके कुशल उपयोग को अपनाने और बेहतर बाजार संबन्धों के माध्यम से अतिरिक्त प्रोत्साहन अर्जित करने का अवसर प्रदान करने के लिए इन्हें सशक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे।
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने संसाधन-कुशल प्रौद्योगिकी के विकास और इसके प्रसार के लिए अनुसंधान एवं विस्तार में निजी भागीदारों के सहयोग की प्रशंसा की। इस तरह पहचाने गए मुख्य क्षेत्रों में विकसित विशिष्ट कार्य योजनाओं के साथ-साथ केवीके विभिन्न कृषि-पारिस्थितिकी में इन प्रौद्योगिकियों का आकलन एवं प्रचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में बायर के फसल विज्ञान व्यवसाय के कंट्री डिविजनल प्रमुख श्री साइमन-थॉर्स्टन विबुश, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हैं। वह किसानों की जरूरतों के अनुरूप भविष्य के लिए तैयार डिजिटल रूप से सक्षम तथा टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर जोर देते हैं। यह सहयोग आर्थिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से चावल एवं बागवानी उत्पादन में पुनर्योजी कृषि मॉडल विकसित करने पर केन्द्रित है।
समझौता ज्ञापन पर, डॉ. उधम सिंह गौतम, उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप और भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में बायर संगठन के फसल विज्ञान व्यवसाय के कंट्री डिवीजनल प्रमुख, श्री साइमन थॉर्स्टन विबुश ने हस्ताक्षर किए।
इस समझौता के द्वारा भाकृअनुप और बायर संगठन के बीच बागवानी में फसल सुरक्षा आदान और ड्रोन जैसे सटीक कृषि उपकरणों के लिए क्षमता निर्माण एवं विस्तार गतिविधियों पर सहयोग करना था।
(स्रोत: कृषि विस्तार प्रभाग, भाकृअनुप, नई दिल्ली)
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