भाकृअनुप-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान ने 58वीं वार्षिक चावल समूह बैठक का किया आयोजन

भाकृअनुप-भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान ने 58वीं वार्षिक चावल समूह बैठक का किया आयोजन

8 मई, 2023, पोर्ट ब्लेयर

भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर), करनाल तथा भाकृअनुप-केन्द्रीय द्वीपीय कृषि अनुसंधान संस्थान (सीआईएआरआई), पोर्ट ब्लेयर द्वारा आज भाकृअनुप-सीआईएआरआई में संयुक्त रूप से शून्य नॉन-डिस्क्रिप्ट की ओर मिशन के तहत अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (यूटी) के एएनजीआर के लक्षण वर्णन और प्रलेखन पर 15वीं इंटरफेस मीट का आयोजन किया गया।

भाकृअनुप-एनबीएजीआर द्वारा जारी ब्रीड वॉचलिस्ट - 2022 के अनुसार टेरेसा बकरी संकटग्रस्त स्वदेशी नस्ल में से एक है।

Establishing Conservation Unit of threatened Teressa Goat and Interface Meet on documenting AnGR of A & N Islands

इस अवसर पर, डॉ. भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी, उप महानिदेशक (पशु विज्ञान) ने भाकृअनुप-सीआईएआरआई में भारतीय बकरी की नस्ल यानी टेरेसा बकरी की पहली संरक्षण इकाई का उद्घाटन किया। आधुनिक, पर्यावरण के अनुकूल, कम श्रम-गहन तथा अत्याधुनिक बकरी शेड जलवायु परिवर्तन के आसन्न परिदृश्य में न्यूनतम दवा के साथ बकरियों को पालने के लिए उपयोगी है।

डॉ. त्रिपाठी ने निर्यात गुणवत्ता वाले जानवरों के उत्पादन के लिए अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को एक रोग मुक्त द्वीप में बदलने और समकालीन ओमिक्स उपकरणों की सहायता से आने वाले समय में जानवरों के लक्षण वर्णन करने का आह्वान किया।

Establishing Conservation Unit of threatened Teressa Goat and Interface Meet on documenting AnGR of A & N Islands

डॉ. पी.के. राउत, सहायक महानिदेशक (एपी एंड बी) ने आधुनिक तकनीकों के उपयोग के माध्यम से आनुवंशिक विकार एवं लक्षणों की पहचान, अन्य उत्पादक और प्रजनन उपकरणों (आर्थिक लक्षणों के रूप में जाना जाता है) के चयन की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी।

डॉ. ई.बी. चाकुरकर, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएआरआई ने संस्थान के मिशन, विजन और जनादेश तथा विविधता के बीच इसकी विशिष्टता के बारे में जानकारी दी।

डॉ. बी.पी. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएजीआर ने स्वदेशी पशु आनुवंशिक संसाधनों पर जोर दिया, जो भारत का एक छिपा हुआ खजाना है, जिसका उपयोग संसाधनसे वंचित तथा गरीब किसानों द्वारा ऊर्जा बजट और उत्पादन के लिए किया जाता है साथ ही यह जलवायु परिवर्तन के आसन्न परिदृश्यों में फल-फूल सकता है।

डॉ. के.ए. नवीन, निदेशक, डीएएचवीएस, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह ने उन स्थानिक जानवरों पर प्रकाश डाला जो लक्षण वर्णन तथा संरक्षण के लिए ध्यान देने की मांग करते हैं।

भाकृअनुप-एनबीएजीआर की टीम ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की स्थानिक नस्लों के रखरखाव के लिए वेदी के रूप में अन्य पशुधन और कुक्कुट शेडों का भी दौरा किया, जिन्हें द्वीपों के निवासियों एवं स्वदेशी लोगों द्वारा गांवों में पालन किया जाता है।

इससे पहले, डॉ. जय सुंदर, एचओडी, भाकृअनुप-सीआईएआरआई के पशु विज्ञान प्रभाग ने स्वागत संबोधन दिया।

बैठक में भाकृअनुप, केवीके तथा लाइन विभागों के कुल 30 प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय द्वीपीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेयर)

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