22 अप्रैल, 2023, देहरादून
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून द्वारा मृदा एवं जल संरक्षण तथा जलागम प्रबन्धन विषयक चार माह के नियमित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के 125वें बैच का आज उद्घाटन किया गया। 22 अप्रैल से 21 अगस्त, 2023 तक आयोजित किये जाने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजाब, झारखण्ड, केरल, नागालैण्ड, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से 29 प्रशिक्षु अधिकारी भाग ले रहे हैं। उद्घाटन समारोह में संस्थान के मानव संसाधन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक, डॉ. डी.वी. सिंह द्वारा समस्त प्रतिभागियो का स्वागत किया गया। स्वागत संबोधन के दौरान डॉ. डी.वी. सिंह द्वारा इस प्रशिक्षण की विषय-वस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
संस्थान के निदेशक, डॉ. एम. मधु द्वारा इस अवसर पर बताया गया कि देश के विकास हेतु भूमि एवं जल संसाधनों का संरक्षण किया जाना अति आवश्यक है। डॉ. मधु द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण से देश में सकल घरेलू उत्पाद की 2.5 प्रतिशत वार्षिक दर हो रही क्षति पर तत्काल ध्यान दिये जाने पर प्रकाश डाला। इस क्षति के बचाव हेतु डॉ. एम. मधु द्वारा मृदा एवं जल संरक्षण की तकनीकी के प्रचार-प्रसार हेतु प्रशिक्षित मानव संसाधन की आवश्यकता को पूर्ण किये जाने के संदर्भ में संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयास को भी विस्तार से बताया।
इस कार्यक्रम में श्री आर.के. डोगरा, (भारतीय वन सेवा), उप महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। डॉ. डोगरा ने अपने संबोधन में मृदा को एक जीवित एवं जीवन के लिये अति आवश्यक तत्व बताया तथा इसके संरक्षण पर सदैव ध्यान दिये जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। डॉ. डोगरा ने संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासो को सराहना की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के 125वें बैच का समन्वय संस्थान के वैज्ञानिकों डॉ. अभिमन्यु झाझरिया एवं डॉ. देवीदीन यादव तथा तकनीकी समन्वय संस्थान के मुख्य तकनीकी अधिकारी श्री सुरेश कुमार द्वारा किया जायेगा।
इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक एवं राष्ट्रीय अध्येता डॉ. देबाशीष मंडल भी उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही संस्थान के अन्य वैज्ञानिक डॉ. बांके बिहारी, डॉ. लेखचंद, डॉ. ए.सी. राठौर एवं डॉ. मातबर सिंह राणा द्वारा भी कार्यक्रम के संचालन में योगदान दिया गया। मानव संसाधन विकास विभाग से श्रीमती लता भंवर, निजी सचिव, श्री धर्मपाल, श्री कमल किशोर, कु. नेहा चैटाला एवं श्री नरेश लाल द्वारा इस कार्यक्रम को सफल आयोजन करने में योगदान दिया गया।
(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून)
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