15 अप्रैल, 2023, भोपाल
भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल ने आज अपना 36वां स्थापना दिवस मनाया। मृदा अनुसंधान पर प्रमुख संस्थान की स्थापना 1988 में न्यूनतम पर्यावरण प्रदूषण के साथ मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने और बनाए रखने के लिए मिट्टी पर बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान करने के जनादेश के साथ की गई थी।
मुख्य अतिथि, डॉ. सुरेश कुमार चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) ने युवा वैज्ञानिकों को सलाह देने का आग्रह किया क्योंकि यह केवल अनुभवी और युवा दिमाग का मिश्रण है जो संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
प्रोफेसर एस.के. सान्याल, पूर्व कुलपति, बीसीकेवी, मोहनपुर द्वारा "बेसिक सॉयल साइंस रिसर्च: सम थॉट्स" पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया गया था। उन्होंने मिट्टी में विभिन्न युग्मन प्रक्रियाओं के अध्ययन पर जोर दिया।
डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएई ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
इससे पहले डॉ. एस.पी. दत्ता, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसएस ने अपने स्वागत संबोधन में संस्थान की हालिया उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर संस्थान ने प्रगतिशील किसानों, वैज्ञानिकों और 30 और 20 साल की सेवा पूरी करने वाले अन्य कर्मचारियों और अपने करियर में नई ऊंचाई हासिल करने वाले वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया। संस्थान ने किसानों के लाभ के लिए नए प्रकाशन और मोबाइल ऐप भी जारी किए।
संस्थान के पूर्व निदेशकों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल)
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