13 जुलाई, 2023, हैदराबाद
भाकृअनुप-भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान (भाश्रीअनुसं), हैदराबाद में आज एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन (एमएसएसआरएफ), चेन्नई की अध्यक्ष, डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का सुभागमन हुआ। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारतीय श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान के द्वारा श्री अन्न मूल्य श्रृंखला पर विकसित दक्षताओं एवं प्रौद्योगिकियों की जानकारी प्राप्त करना था।
डॉ. सौम्या ने प्रक्षेत्रों का दौरा किया एवं उत्सुकतापूर्वक सभी नौ श्री अन्न (ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कोटो, कुटकी, सावां, चेना तथा ब्राउन टॉप) फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। आगंतुक दल ने श्रीअन्न उत्कृष्टता केन्द्र, अन्य प्रसंस्करण सुविधाओं, पोषण केन्द्र एवं जीन संग्रह का भी दौरा किया। तत्पश्चात डॉ. सीतारा सत्यवती, निदेशक, भाश्रीअनुसं एवं डॉ. सौम्या, अध्यक्ष, एमएसएसआरएफ के द्वारा परस्पर भावी सहयोगी संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की गई तथा भाकृअनुप-भाश्रीअनुसं और एमएसएसआरएफ के बीच सहयोगी क्षेत्रों पर समझौते ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
डॉ. सौम्या ने संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ भी चर्चा की तथा इस बात पर बल दिया कि कृषि, पोषण व स्वास्थ्य परस्पर घनिष्ठता से जुड़े हुए हैं और इन्हें समग्र रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि भोजन स्वास्थ्य प्रबंधन का एक अभिन्न अंग बन सकता है और श्री अन्न जीवन शैली से जुड़े रोगों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस दौरे के अलावा, प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन, संस्थापक, एमएसएसआरएफ के द्वारा म्यांमार में कार्यान्वित राइसबायोपार्क की अवधारणा पर ओडिशा व तमिलनाडु के आदिवासी क्षेत्रों में श्री अन्न के लिए फंडिंग हेतु एक सामान्य परियोजना प्रस्ताव भी है। बायोपार्क एक एकीकृत सुविधा होगी, जहां खाद्य उत्पादों के अलावा, भूसी, पुआल तथा चोकर सहित श्री अन्न के उपोत्पादों को पशु चारा, कागज एवं खाद जैसे मूल्य वर्धित उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है। जैवभार, अर्थात पुआल, भूसी तथा चोकर से मूल्य वर्धित उत्पाद तैयार करने पर किसानों को ज्यादा आर्थिक लाभ मिलेगा।
(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें