5 अगस्त से 14 अगस्त, 2023 तक मधुमक्खी पालन पर 10-दिवसीय पाठ्यक्रम का समापन समारोह भाकृअनुप-फ्लोरीकल्चरल रिसर्च निदेशालय (डीएफआर), पुणे में 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ आयोजित किया गया।
डॉ. के.वी. सम्मानित मुख्य अतिथि, भाकृअनुप-डीएफआर पुणे के निदेशक प्रसाद ने मधुमक्खियों के महत्व, मानवता के लिए उनकी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और मधुमक्खी-अनुकूल वनस्पतियों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने उद्यमिता से संबंधित विविध सफलता की कहानियां साझा करके प्रतिभागियों को प्रेरित भी किया। 10-दिवसीय पाठ्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने मधुमक्खी पालन के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें उद्यमिता के अवसर के रूप में मधुमक्खी पालन और बैंकों की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी शिक्षित किया गया।
मुख्य सम्मानित अतिथि, डॉ. प्रसाद ने मधुमक्खियों के महत्व, मानवता के लिए उनकी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और मधुमक्खी-अनुकूल वनस्पतियों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने उद्यमिता से संबंधित विविध सफलता की कहानियां साझा करके प्रतिभागियों को प्रेरित भी किया।
कार्यक्रम में कुल 137 प्रतिभागियों ने भागीदारी कर इसे सफल बनाया। कार्यक्रम का संचालन डीएफआर, पुणे के डॉ. डी.एम. फिराके ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के द्वारा नवोदित मधुमक्खी पालकों एवं भावी उद्यमियों को प्रशिक्षण समापन प्रमाण पत्र वितरित किये गये।
(स्रोत: भाकृअनुप-फ्लोरीकल्चरल रिसर्च निदेशालय, पुणे)
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