भाकृअनुप-डीसीएफआर ने मेघालय को ठंडे पानी के जलीय कृषि के मानचित्र पर स्थान दिया

भाकृअनुप-डीसीएफआर ने मेघालय को ठंडे पानी के जलीय कृषि के मानचित्र पर स्थान दिया

18 अगस्त 2023, उमियाम

भाकृअनुप-शीत जल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय (डीसीएफआर), भीमताल, उत्तराखंड ने उत्तर पूर्व पहाड़ी क्षेत्र और मत्स्य पालन विभाग, मेघालय के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर के सहयोग से 18 अगस्त, 2023 को उमियाम में 'मेघालय में ठंडे जल जलीय कृषि और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने' पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।

ICAR-DCFR Puts Meghalaya on the Map of Coldwater Aquaculture  ICAR-DCFR Puts Meghalaya on the Map of Coldwater Aquaculture

मुख्य अतिथि के रूप में, श्री अलेक्जेंडर एल. हेक, मत्स्य पालन मंत्री, मेघालय उपस्थित हुए। उन्होंने ठंडे पानी की जलीय कृषि को बढ़ावा देने और उपयुक्त क्षेत्रों में नई तकनीकों को अपनाकर मछली उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. प्रमोद कुमार पांडे, निदेशक, भाकृअनुप-डीसीएफआर, भीमताल ने मेघालय के लोगों के लिए आजीविका के नए अवसर तथा पोषण सुरक्षा प्रदान करने के लिए ठंडे पानी की जलीय कृषि एवं मत्स्य पालन की क्षमता के बारे में विस्तार से बताते हुए कार्यशाला के संदर्भ की व्याख्या की।

संसाधन संपन्न व्यक्तियों तथा विशेषज्ञों ने रेनबो ट्राउट खेती में सर्वोत्तम जलीय कृषि विभिन्न विधा, संसाधन कुशल गहन ट्राउट उत्पादन प्रणाली (आरएएस), सजावटी मछली-आधारित आजीविका प्राप्त करने के रास्ते, टिकाऊ एकीकृत मछली पालन के अवसरों और स्थानिक मछली जैव विविधता के संरक्षण की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया। भाकृअनुप-डीसीएफआर ने मावफलांग, पूर्वी खासी हिल्स में संभावित रेनबो ट्राउट खेती स्थलों की खोज की और पहचान की।

श्री सिभी चक्रवर्ती साधु, सचिव, मत्स्य पालन विभाग, मेघालय; डॉ. वी.के. मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-आरसी एनईएच; डॉ. ए.के. मोहंती, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी जोन VII; डॉ. एस.वी. नगाचन, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आरसी एनईएच; और श्रीमती ए.एल. मावलोंग, निदेशक, मत्स्य पालन विभाग, मेघालय, कार्यशाला के अन्य प्रतिष्ठित प्रतिभागी थे। कार्यशाला में मेघालय के विभिन्न हिस्सों से लगभग 100 किसानों, उद्यमियों तथा इच्छुक हितधारकों ने भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-शीत जल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय (डीसीएफआर), भीमताल)

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