22- 25 जनवरी, 2024, गुजरात
भाकृअनुप-फलों के लिए अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की XI समूह चर्चा 22- 25 जनवरी, 2024 को नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, गुजरात में आयोजित की गई।
डॉ. वी.बी. पटेल, सहायक महानिदेशक, (फल एवं रोपण फसलें) ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। डॉ. पटेल ने भारत में फल क्षेत्र में योगदान देने में परियोजना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए कार्यक्रम के पुनर्निर्देशन का सुझाव दिया और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों के लिए सुरक्षा मानकों को पूरा करने पर जोर दिया।
एनएयू, नवसारी के कुलपति, डॉ. जिनाभाई पी. पटेल ने जैविक तनाव तथा फसल विविधीकरण को संबोधित करने के प्रभावी तरीकों को दोहराया।
डॉ. वी.ए. पार्थसारथी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कोझीकोड ने स्थानीय किसानों के लिए प्रौद्योगिकी प्रदान करने, अवलोकन डेटाबेस बनाए रखने तथा गुणवत्ता प्रकाशन सुनिश्चित करने में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की भूमिका पर जोर दिया।
प्रोफेसर (डॉ.) संजय कुमार सिंह, उप-महानिदेशक, (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप ने गुणवत्तापूर्ण उत्पादन की आवश्यकता, नए क्षेत्रों की खोज, जलवायु चुनौतियों का समाधान करने और जर्मप्लाज्म संरक्षण के लिए वैकल्पिक साइट की प्रासंगिकता एवं क्षमता का उपयोग करने के बारे में बात की। समापन सत्र के दौरान विदेशी से आय बढ़ाने के लिए स्वदेशी फसलों पर चर्चा की गई।
डॉ. आर. सेल्वाराजन, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, डॉ. कौशिक बनर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, डॉ. विकास दास, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, डॉ. टी. दामोदरन, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान, डॉ. जगदेश राणे, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, डॉ. बी.एम.सी. रेड्डी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप -आईआईएचआर, भाकृअनुप के विशेष आमंत्रित सदस्य, गैर-आधिकारिक विशेषज्ञ भी समारोह के दौरान उपस्थित थे।
4-दिवसीय विचार-विमर्श के दौरान, सीवीआरसी अधिसूचना के लिए छह प्रविष्टियों की सिफारिश की गई, जिनमें टीबीएम-9, फुले प्राइड, एनसीआर 17, फुले मोसंबी, कोदुर सथगुडी और पालुर-1 कटहल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, क्रिमसन सीडलेस, फैंटेसी सीडलेस, रेड ग्लोब अंगूर, मुट्टोमवेरिका और गमलेस जैकफ्रूट को विश्वविद्यालय के पीओपी में शामिल करने की सिफारिश की गई थी।
किसान संवाद बैठक में आम के फूल आने, चीकू में सर्दी के मौसम में उत्पादन बढ़ाने, चीकू में वाइन उत्पादन की संभावना और आम में अनियमित फूल आने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु)
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