7 अक्टूबर, 2023, रायपुर
भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान (एनआईबीएसएम), रायपुर (छत्तीसगढ़) ने आज अपना 12वां स्थापना दिवस मनाया।
डॉ. आर.एस. परोदा, अध्यक्ष टीएएएस, पूर्व सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) और समारोह के मुख्य अतिथि ने "भारत में कृषि-खाद्य प्रणाली परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण स्केलिंग नवाचार" पर स्थापना दिवस व्याख्यान दिया और कृषि में लचीलेपन और स्थिरता के लिए हाइब्रिड प्रौद्योगिकी, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें, टिकाऊ गहनता के लिए संरक्षण कृषि, सूक्ष्म सिंचाई, फर्टिगेशन, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, एकीकृत कीट प्रबंधन, संरक्षित खेती, जीनोम संपादन, नैनो प्रौद्योगिकी, ऊर्ध्वाधर खेती, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि के उपयोग के अलावा अन्य नवाचारों को बढ़ाने पर जोर दिया।
डॉ. एस.एन. निगम, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-आईएसएटी, हैदराबाद और समारोह के विशेष अतिथि ने प्रतिरोधी किस्मों के प्रजनन के लिए जैविक तनाव के खिलाफ प्रतिरोधी जीन के लिए फसल पौधों के जंगली रिश्तेदारों किस्मों की खोज करने का आग्रह किया क्योंकि प्रतिरोधी किस्में कई जैविक तनाव के लिए एकमात्र संभावित समाधान हैं।
नाबार्ड, रायपुर (छत्तीसगढ़) के मुख्य महाप्रबंधक और स्थापना दिवस समारोह के सम्मानित अतिथि, डॉ. जी. मणि ने अपने व्याख्यान में किसानों के जीवन को बेहतर आय और समृद्धि के साथ सशक्त बनाने में नाबार्ड की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने भाकृअनुप-एनआईबीएसएम की विभिन्न किसान-केन्द्रित पहलों में नाबार्ड का समर्थन बढ़ाया।
डॉ. एस.एस. बघेल, पूर्व कुलपति, सीएयू, इम्फाल और एएयू, जोरहाट ने मध्यवर्ती ज्ञान/ प्रौद्योगिकी विकसित करने/ उत्पन्न करने पर जोर दिया, जो एनआईबीएसएम का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए और उन्होंने एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन और मृदा जैविक कार्बन संवर्धन की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जो आज समय की मांग है।
हेनरिक हेन विश्वविद्यालय, जर्मनी के प्रोफेसर वुल्फ बी. फ्रोमर, अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट प्रोफेसर ने स्थापना दिवस के अवसर वर्चुअल मोड में "आनुवांशिकी का उपयोग करके सफल रोगज़नक़ संक्रमण से बचाने तथा चावल को समृद्ध करने में प्रगति" विषय पर एक विशेष वार्ता की।
भाकृअनुप-एनआईबीएसएम के निदेशक, डॉ. पी.के. घोष ने स्वागत संबोधन दिया और पिछले एक वर्ष के लिए संस्थान की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट और उपलब्धियां प्रस्तुत कीं।
सभी प्रतिभागियों ने भारतीय हरित क्रांति के महानायक एवं जनक स्मृतिशेष प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन के प्रति संवेदना व्यक्त की, जिनका देहांत 28 सितंबर, 2023 को 98 वर्ष की आयु में हो गया।
इस अवसर पर विशेष रूप से कृषि योग्य फसलों में अच्छी उपज विधियों पर प्रकाशन जारी किए गए तथा मेधावी वैज्ञानिकों को विधिवत सम्मानित किया गया।
स्थापना दिवस के अवसर पर किसान एवं वैज्ञानिक संवाद गोष्ठी का आयोजन किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर)
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