3 जनवरी, 2024, कोलकाता
भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने आज अपना 87वां स्थापना दिवस मनाया। संस्थान ने 2 से 4 जनवरी, 2025 तक ‘राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा महोत्सव (एनएनएफएफ) 2025’ के तहत पांच अलग-अलग राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किए।
केन्द्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने 3 जनवरी 2025 को भाकृअनुप-निनफेट के 87वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने प्रदर्शनी स्टालों का उद्घाटन किया और संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया। श्री सिंह ने ऊनी कपड़ों के लिए जूट यार्न सॉफ्टनिंग, बांस-जूट-विस्कोस-मिश्रित कपड़े और एआई-सक्षम ग्रेडिंग प्रणाली जैसे क्षेत्रों में भाकृअनुप-निनफेट के वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट कार्य की सराहना की। उन्होंने हाल के वर्षों में कपड़ा निर्यात में 15% की वृद्धि पर प्रकाश डाला और कालीन उद्योग में जूट के लिए एक आशाजनक भविष्य का उल्लेख किया। मंत्री ने कपड़ा क्षेत्र को अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो वर्तमान में 176 बिलियन डॉलर के बाजार आकार पर निर्धारित है, और जूट मिलों से उद्योग और भारतीय किसानों दोनों को लाभ पहुंचाने के लिए नई तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया।
मुख्य अतिथि, जूट आयुक्त, श्री मलय चंदन चक्रवर्ती ने भाकृअनुप-निनफेट के वैज्ञानिकों के प्रयासों और राष्ट्रीय जूट बोर्ड के साथ सहयोगी परियोजनाओं की सफलता की सराहना की। उन्होंने भविष्य में निनफेट के साथ नई परियोजनाएं शुरू करने की तीव्र इच्छा व्यक्त की, जिससे दोनों संगठनों के बीच और भी मजबूत साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी), डॉ. एस.एन. झा ने वैज्ञानिकों को नवीन अनुसंधान पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया, विशेष रूप से खाद्य उत्पादों में प्राकृतिक रेशों, जैसे जूट के उप-उत्पादों का अधिकतम उपयोग करने के लिए। उन्होंने प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के माध्यम से उत्कृष्टता के केन्द्र विकसित करने के महत्व पर भी जोर दिया।
भाकृअनुप-निनफेट के डॉ. डी.बी. शाक्यवार ने पिछले पांच वर्षों में संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश और प्राकृतिक रेशा उत्पादक किसानों को प्राकृतिक रेशों के क्षेत्र में नई शोध तकनीकी का आश्वासन दिया, जो सतत विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि करेगी। डॉ. शाक्यवार ने मंत्री से भाकृअनुप-निनफेट को उत्कृष्टता केन्द्र और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर संस्थान ने अनेक सामग्रियों का लोकार्पण किया, जिनमें इसकी प्रौद्योगिकी प्रोफ़ाइल, बीआईएस आईएस-7032-2024 मानक, एनआईएनएफईटी न्यूज़लेटर, अपशिष्ट ऊन से केराटिन निष्कर्षण पर एक पत्रक, तथा जूट पत्ती चाय, हस्तशिल्प और बैग प्रशिक्षण पर एक वीडियो शामिल था।
स्थापना दिवस समारोह के एक भाग के रूप में उद्यमियों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसके दौरान छह समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
डॉ. के. नरसैया, सहायक महानिदेशक (प्रक्रिया इंजीनियरिंग) भाकृनुप ने कार्यक्रम का समन्वयन किया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक फाइबर इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता)
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