23 जनवरी, 2024, दिरांग
भाकृअनुप-राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीयाक), दिरांग ने आज यहां अपना 35वां स्थापना दिवस उचित थीम, “अनुसंधान और विस्तार के माध्यम से याक चरवाहे और याक उत्पादों को बढ़ावा देना” के तहत मनाया।
डॉ. सौमेन साहू, प्रोफेसर एवं प्रमुख, मत्स्य अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
श्री जे.टी. ओबी, एडीसी, दिरांग तथा डॉ. राजन गुप्ता, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप, सम्मानित अतिथि थे।
डॉ. जयंत घोष, सहायक प्रोफेसर तथा समन्वयक, सीआरएसजीपीपी, पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज और सचिव, नेशनल जीआई ड्राइव मिशन, विशेष अतिथि थे।
एनआरसीयाक के निदेशक, डॉ. मिहिर सरकार ने कार्यक्रम के दौरान संगठन की गतिविधियों, उपलब्धियों और आकांक्षाओं पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने संस्थान के स्थिरता, आनुवंशिक सुधार, संरक्षण, मूल्य संवर्धन, आजीविका सुरक्षा तथा जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समग्र याक पालन पर ध्यान केन्द्रित करने पर जोर दिया। डॉ. सरकार ने याक जर्मप्लाज्म के आनुवंशिक संरक्षण तथा गुणन के महत्व पर भी जोर दिया। डॉ. सरकार ने संस्थान की उपलब्धियों पर जोर दिया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश याक चुरपी के लिए जीआई टैग प्राप्त करना, नाबार्ड द्वारा लाभदायक याक पालन के लिए एक बैंक योग्य योजना को मंजूरी देना और टिकाऊ याक पालन के लिए सभी याक पालक हितधारकों को एकजुट करने के लिए एक सहकारी समिति के गठन की पहल करना शामिल है।
कार्यक्रम में याक पालन करने वाले गांवों के जीबी, पश्चिमी कामेंग के याक चरवाहे, कृषि और संबद्ध विभागों के एचओडी, निदेशक, एनआईएमएएस, चौथी बटालियन आईटीबीपी के कमांडेंट, 30वीं बटालियन एसएसबी तथा मद्रास रेजिमेंट के 16वीं बटालियन के वैज्ञानिकों के अलावा संस्थान के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, दिरांग)
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