14 जनवरी, 2024, पश्चिम बंगाल
भाकृअनुप-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ, धान्यगंगा, कृषि विज्ञान केन्द्र, सारगाछी, मुर्शिदाबाद; रथींद्र कृषि विज्ञान केन्द्र, श्रीनिकेतन, बीरभूम और हेमनगर सुंदरबन ड्रीम, पश्चिम बंगाल के सहयोग से विभिन्न स्थानों अर्थात सारगाची, मुर्शिदाबाद में एसटीसी और एससीएसपी घटक के तहत आज अविनाशपुर, सूरी, बीरभूम और श्रीनिकेतन, पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के मत्स्य पालकों के लिए तीन संवेदीकरण एवं क्षमता विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया।
भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के निदेशक, डॉ. यू.के. सरकार ने मत्स्य पालकों से मत्स्य-आधारित आजीविका के अवसरों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने टिकाऊ और लाभदायक मछली पालन प्रथाओं के माध्यम से पश्चिम बंगाल में हाशिए पर रहने वाले समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बढ़ाने पर भी जोर दिया।
डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता, श्री स्वामी विश्वमयानंद, रामकृष्ण मिशन, सारगाछी, डॉ. विजय कुमार, कार्यकारी निदेशक, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, प्रो. देबासिस सरकार, डीन, कृषि संस्थान, विश्वभारती भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
250 लाभार्थियों के बीच महत्वपूर्ण जल-संस्कृति इनपुट जैसे आईएमसी के गुणवत्ता वाले मछली बीज और अन्य उच्च मूल्य वाली खाद्य मछलियाँ, मछली चारा, एक्वैरियम, सजावटी जलीय कृषि के लिए एफआरपी टैंक आदि वितरित किए गए।
(स्रोत: राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें