22 मार्च, 2023, बाड़मेर
भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर द्वारा आयोजित दो दिवसीय (21-22, मार्च) श्री मल्लीनाथ पशु मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप), नई दिल्ली के विभिन्न संस्थान, जैसे - काजरी जोधपुर; अटारी, जोधपुर; केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर; केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर; आईआईएम्आर, हैदराबाद तथा राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, विभिन्न बैंक, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों द्वारा प्रदर्शनी लगा कर किसानों को विभिन्न योजनाओं एवं तकनीकियों के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री परशोत्तम रूपाला, केन्द्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने पशुधन को सुरक्षित करने एवं उनका संवर्धन करने, इसे आगे बढाने के साथ-साथ नई पीढी को इस क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने हेतु एक नया मंत्रालय पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन का का सृजन किया। पशुओं को विभिन्न रोग एवं पीड़ा से बचाने के लिए मोबाईल वेटरनरी एम्बूलेंस सेवा शुरू की। केन्द्र सरकार ने मोटे अनाज के उपयोग, उत्पादन और निर्यात के लिए भी पहल की है। उन्होंने मेले में राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर द्वारा उष्ट्र के दूध एवं रागी, ज्वार, बाजरा के उत्पादों के पोषक पाउडर को जारी किया।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि, श्री कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों को खेती से अधिक आय हो इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री ने कई योजना, जैसे - किसान सम्मान निधि, एफपीओ, मूल्य संवर्धन तथा फसल बीमा योजना आदि का शुभारंभ किए। केन्द्र सरकार ने पशुओं को लम्पी त्वचा रोग से बचाने के लिए पूरा ध्यान दिया एवं इसके लिए व्यापक रूप से उपाय निकाले। इसके अलावा मेरी पॉलिसी मेरे हाथ कार्यक्रम के तहत, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा किसानों को बीमा पॉलिसी प्रदान कर उसे प्रोत्साहित किया गया।
भाकृअनुप, नई दिल्ली के उप महानिदेशक, डॉ. बी.एन. त्रिपाठी ने परिषद द्वारा किये जा रहे अनुसंधान के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मेला आयोजक ने सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं मेले की विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर घुड़ दौड़, उष्ट्र दौड़, दुग्ध प्रतियोगिता आयोजित हुई एवं विजेताओ को पुरुस्कृत भी किया गया।
यहां, पशुपालकों ने बड़ी संख्या में विभिन्न नस्लों के घोड़े, उष्ट्र, बैल, गाय, इत्यादि का प्रदर्शन किया। इस मेले में पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान के किसानों ने बढ़-चढ़ कर भागीदारी की।
(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर)
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