भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 8 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत 8 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

14 मार्च, 2023, अविकानगर

भारतीय क़ृषि अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली के अधीन कार्यरत संस्थान केद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में आज कारगिल - लद्दाख केन्द्र शासित प्रदेश के भेड़-बकरी तथा खरगोश पालन से जुड़े हुए पशुधन सहायक कर्मचारियों, 18 प्रशिक्षणार्थी (6 महिला व 12 पुरुष कर्मचारी) और देश के 8 राज्यों (राजस्थान, झारखण्ड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, बिहार व हिमाचल प्रदेश) से 26  प्रशिक्षणार्थी प्रगतिशील किसानो के द्वारा 8 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (14 से 21 मार्च, 2023)  का द्वितीय बैच के शुभारंभ सत्र में शामिल हुआl यहां उपस्थित प्रशिक्षणार्थी को संस्थान के छोटे पशुओ जैसे भेड़-बकरी व खरगोश का पालन तथा कौशल विकास हेतु आयोजित उन्नत भेड़-बकरी व खरगोश उत्पादन के तरीके तथा स्वास्थ्य प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी देने की व्यवस्था की गई है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षणार्थी संस्थान की उन्नत नस्ले, पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन, चारा प्रबंधन, आवास प्रबंधन तथा मौसम आधारित प्रबंधन से लाभान्वित होंगेl

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अविकानगर संस्थान, भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन की योजना अनुसार देश के भेड़ व बकरी पालन से जुड़ हुए किसानो को क़ृषि एवं पशुपालन एग्रोटेक के माध्यम से सरकारी वेटरनरी या पैरा वेटरनरी कर्मचारियों, किसानो, प्रोग्रेसिव फार्मर्स, एग्रीटेक स्टार्ट अप को पशुधन के क्षेत्र मे  निवेश कर देश मे रोजगार बढ़ने की दिशा मे प्रयासरत हैl इस आत्मनिर्भर भारत की सोच से देश के सम्पूर्ण किसान तथा खास कर शहर की आबादी जैविक खेती आधारित क़ृषि एवं पशुपालन व्यवसाय को अपनाने के लिए आगे आएl इस मनसा से संस्थान देश के हर राज्य के किसानो को वैज्ञानिक तरीका से भेड़ - बकरी एवं खरगोश पालन के लिए तकनीकी ज्ञान को समृद्ध करने का प्रयास कर रहा हैl

अविकानगर संस्थान के इस राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत संस्थान के विभिन्न विभाग के वैज्ञानिको द्वारा भेड - बकरी  एवं ब्रोयलर खरगोश पालन करने के लिए यहां पर उपलब्ध पशुओ के माध्यम से तथा प्रैक्टिकल एवं व्याख्यानो से देश के किसानो की बदलते जलवायु परिदृश्य में उभरती समस्या तथा भेड़-बकरी पालन के लिए आवश्यक जानकारी देने की योजना पर कार्य कर रहा है।

डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक ने सभी प्रशिक्षणार्थियों से आग्रह किया कि आप मेरे संस्थान से 8 दिनों के समय मे जिस भी पशु भेड़  या बकरी और खरगोश के बारे मे जितना हो सके, सीखने की कोशिश करें, जो यहाँ से जा कर आपके पालन को अच्छा करके अच्छी आजीविका कमाने मे मदद करें l डॉ. तोमर  ने बताया कि भविष्य मे खेती व पशुपालन व्यवसाय के माध्यम से ही हिन्दुस्तान की 58 प्रतिशत से ज्यादा ग्रामीण आबादी क़ृषि व पशुपालन उद्यमी बनकर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी की हर युवा के हाथ मे हो काम से ही आत्मनिर्भरता के संकल्प को पूरा कर सकेंगेl

डॉ. तोमर ने बताया की वर्तमान समय में सरकार देश के क़ृषि व पशुपालन व्यवसाय के माध्यम से  देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष नयी योजना किसानों के लिए ला रही हैँ जिससे इस क्षेत्र में निवेश बढ़े साथ ही रोजगार का सृजन भी होl

निदेशक ने बताया लोगो. के पोषण एवं स्वास्थ को सुनिश्चित करने के लिए मोटे अनाज या श्री अन्न को अपने थाली के भोजन में सम्मिलित करने का अभियान केन्द्र सरकार चला रखा है। देश में श्री अन्न की बम्पर पैदावार होती है जो भोजन मे विविधता बनाने के साथ देश को फ़ूड सिक्योरिटी मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगाl

इस 8 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयक. डॉ. एस.सी. शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक तथा डॉ. अजय कुमार, प्रधान वैज्ञानिक एवं सह – समन्वयक, डॉ. लीला राम गुर्जर, वरिष्ठ वैज्ञानिक और डॉ. अमर सिंह मीना, वरिष्ठ वैज्ञानिक कर रहे हैl

प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक एवं एचआरडी  विभाग के प्रभारी, डॉ. एस.सी शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक ने मंच संचालन करते हुए सभी प्रशिक्षणार्थियों से निवेदन किया कि आपको संस्थान की तकनीक व अन्य सभी वैज्ञानिक ज्ञान  को अपने एरिया मे प्रसार करना हैl डॉ. शर्मा ने बताया कि संस्थान द्वारा उन्नत भेड़ - बकरी पालन की ट्रेनिंग का द्वितीय बैच का आज सुभारंभ हम करने जा रहे है ओर अभी भी मेरे पास  देशभर से रोजाना निवेदन व फोन कॉल्स इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के लिए आ रहे हैl

यहां, प्रशिक्षण कार्यक्रम मैं संस्थान के सभी विभाग के हेड/ इंचार्ज डॉ. एफ.ए. खान, पशु स्वास्थ्य,  डॉ. आर.सी. शर्मा, एजीबी विभाग, डॉ. आर.एस. भट्ट, पशु पोषण, डॉ. अरविन्द सोनी, डॉ. अजय कुमार, टीएमटीसी, श्री आई.बी. कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, श्री भीम सिंह, एओ आदि ने भाग लेकर सभी प्रतिभागी प्रशिक्षणार्थियों को अपने अपने विभाग की गतिविधि से अवगत कराया गयाl संस्थान के मीडिया प्रभारी, डॉ. अमर सिंह मीना ने इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी l

(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)

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