भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में गिर गोवंश में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भधान का शुभारंभ एवं कृषि उपयोगी सामग्री वितरण कार्यक्रम आयोजित

भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में गिर गोवंश में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भधान का शुभारंभ एवं कृषि उपयोगी सामग्री वितरण कार्यक्रम आयोजित

21 जुलाई, 2023, अविकानगर   

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर में आज को गिर गोवंश पर नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भधान कार्यक्रम मालपुरा तहसील के विभिन्न गांव के किसानों के लिए आज शुरुआत की गईl संस्थान के फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट एवं अनुसूचित जाति परियोजना द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय कार्यक्रम में मालपुरा तहसील के 500 से ज्यादा किसानों ने भाग लियाl

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री बद्रीनारायण चौधरी, अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गवर्निंग बॉडी सदस्य एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में श्री दिनेश कुलकर्णी, संगठन मंत्री भारतीय किसान संघ, डॉ. पी.पी. रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक अटारी जोधपुर, डॉ. एन.वी. पाटिल, पूर्व निदेशक, केन्द्रीय गोवंश संस्थान मेरठ, टोडाराय सिंह, मालपुरा के विधायक, श्री कन्हैया लाल चौधरी, श्री सकराम चोपड़ा, प्रधान मालपुरा तथा श्री गोपाल गुर्जर, पूर्व प्रधान, मालपुरा ने कार्यक्रम में भाग लेकर यहां उपस्थित किसानों को संबोधित कियाl

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया कि हमें गौ माता आधारित कृषि अर्थव्यवस्था बनानी है क्योंकि गाय जैविक खेती के लिए सबसे उत्तम पशु है जिसके पालन से हमारी विभिन्न ग्रामीण जरूरत की आवश्यकता पूरी होती हैंl अविकानगर संस्थान के निदेशक ने उत्तम नस्ल के गाय के कृत्रिम गर्भधान के लिए जो सीमन उपलब्ध कराया है, वह आने वाले समय में निश्चित ही मालपुरा तहसील के किसानों के लिए दूध की पैदावार बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगाl मैं संस्थान के वैज्ञानिकों से यह भी निवेदन करता हूं कि यह जो गाय तथा अन्य आवारा जानवर हैं इनका भी कुछ वैज्ञानिक तरीके से ऐसा उपाय किया जाए कि यह देश की अर्थव्यवस्था में काम आएl

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भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री, श्री दिनेश कुलकर्णी ने संस्थान निदेशक को धन्यवाद देते हुए बताया कि आप भेड़-बकरी व खरगोश पर काम कर रहे हैं, और गांव की आवश्यकताओं को देखते हुए आपने भैंस एवं गाय पर भी काम किया है, जिससे गोवंश पालन द्वारा भविष्य में लोगों को रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगीl श्री कुलकर्णी ने उम्मीद जताई कि पशुधन के माध्यम से निश्चित ही गांव की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में संस्थान अपना बेहतर योगदान दे गहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की जितनी भी खेती व पशुपालन से सम्बंधित समस्याएं हैं उनको कम करने के लिए हमें दोबारा से जैविक खेती अपनानी पड़ेगीl जिसके माध्यम से जलवायु परिवर्तन से होने वाले विभिन्न दुष्परिणामों से बचा जा सकेगाl

फार्मर फर्स्ट परियोजना के प्रधान अन्वेषक, डॉ. सत्यवीर सिंह डांगी ने बताया कि उपरोक्त परियोजना में चयनित गांव के किसानों के लिए गिर गाय में नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भधान हेतु गिर गाय की अच्छी पैदावार वाली सांड के सीमन गुजरात के जूनागढ़ पशुचिकित्सा महाविद्यालय से 2500 से ज्यादा सीमन डोज मंगवाया गया है। इसे आज फार्मर फर्स्ट परिजनों के द्वारा मालपुरा के किसानों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाएगीl साथ में फार्मर फर्स्ट परियोजना के तहत सोडा एवं ढेचवास गांव की भेड़पालक किसानों को भी दो उत्तम नस्ल के अविशान भेड़ के मेढे का वितरण निःशुल्क किया जाएगाl

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर द्वारा की गई। डॉ. तोमर ने बताया कि संस्थान ने फार्मर फर्स्ट परियोजना में किसानों के गांव की भेड़-बकरी व खरगोश पालन के से आगे बढ़ते हुए उनकी मुर्रा नस्ल की भैस के लिए उत्तम गुणवत्ता का सीमन तथा अभी वर्तमान में उनकी मांग को देखते हुए गिर गाय नस्ल के उत्तम गुणवत्ता के सीमन को गुजरात से मंगवाया गया है। गिर गाय के कृत्रिम गर्भाधान संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा किया जाएगाl भारत सरकार की मंशा है कि देश के किसान कृषि एवं पशुपालन के माध्यम से अपनी आजीविका द्वारा सशक्त एवं सक्षम बनेl

अंत मे कार्यक्रम में पधारे अतिथियों को संस्थान की प्रगति की जानकारी देते हुए डॉ. तोमर ने बताया कि केन्द्रीय गोवंश संस्थान मेरठ के निदेशक, डॉ. उमेश सिंह ने गिर गाय के सीमन भविष्य में उपलब्ध कराने के लिए संस्थान को आश्वस्त किया।  

अनुसूचित जाति उपयोजना के नोडल अधिकारी, डॉ. अजय कुमार ने बताया कि 16 बीपीएल, विधवा एवं विकलांग अनुसूचित जाति महिलाओं को एक माह प्रशिक्षण उपरांत सिलाई की मशीन किट  एवं छाते का वितरण इस परियोजना के द्वारा निशुल्क वितरित कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गयाl  साथ में 75 अनुसूचित जाति के चयनित लाभार्थियों को फीडिंग ट्रॉफ, छाता, स्टील बाल्टी, पानी की बोतल, 3 किलो मिनरल मिक्सर ईट एवं सौर ऊर्जा चालित बैटरी का कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा निशुल्क वितरण किया गयाl

डॉ. कुमार ने बताया कि  एससीएसपी उपयोजना मे 750 फलदार पौधे (दशहरी किस्म के आम, अमरूद, कटहल,कागजी नींबू,थाई एप्पल बेर) का वितरण 35 से ज्यादा चयनित अनुसूचित जाति लाभार्थियों को किया गयाl दो बस्सी एवं दो किसान सोडा गांव के अनुसूचित जाति के भेड़ पालक किसानों को नस्ल सुधार हेतु पाटनवाड़ी भेड़ के उत्तम नस्ल के मेढे का वितरण भी कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के द्वारा निशुल्क किया गया  l

अविशान भेड़पालन इकाई को गांव में स्थापित करने के लिए दो प्रगतिशील किसान श्री सुरेंद्र सिंह अवाना बैराना-बिचुन तहसील, मोजमाबाद, जिला, जयपुर एवं श्री सतपाल सिंह चुंडावत जिला राजसमंद किसान के साथ संस्थान ने एमओयू किया गयाl जिसके माध्यम से इनको अविशान भेड़पालन इकाई संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही संस्थान के वैज्ञानिकों की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से पालन करते हुए अविशान भेड़ को देश के किसानों तक पहुंचाया जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. लीलाराम गुर्जर, प्रभारी, तकनीकी, स्थानांतरण सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। अविकानगर संस्थान के मीडिया प्रभारी, डॉ. अमर सिंह मीना यह जानकारी साझा कीl

(स्रोतः भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर)

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