10 अगस्त, 2023, जोधपुर
शुष्क क्षेत्रों में खाद्य उत्पादन प्रणालियों का प्रदर्शन करने के लिए आज जोधपुर में भाकृनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान में तीन दिवसीय साइंस वॉक आयोजित की गई। इस पदयात्रा में संस्थान के 400 एकड़ के अनुसंधान फार्म में अनुसंधान और प्रदर्शन ब्लॉकों का दौरा शामिल था। इस कार्यक्रम में हितधारकों के लिए क्षेत्रीय फसलों, बागवानी फसलों, कृषि-वानिकी, मृदा संरक्षण, जल संचयन और रीसाइक्लिंग सहित विभिन्न कृषि नवाचारों का प्रदर्शन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न (मोटा अनाज) वर्ष- 2023 का जश्न मनाने के लिए श्री अन्न ब्लॉक पर एक विशेष आकर्षण आयोजित किया गया था। तीन प्रमुख श्री अन्न (मोती श्री अन्न, ज्वार और फिंगर श्री अन्न) और पांच छोटे श्री अन्न (फॉक्सटेल श्री अन्न, प्रोसो श्री अन्न, कोदो श्री अन्न, बार्नयार्ड श्री अन्न, और लिटिल श्री अन्न) उगाए गए। आगंतुकों को श्री अन्न की बेहतर पोषण प्रोफ़ाइल, कम पानी की आवश्यकता और जलवायु अनुकूलता से परिचित कराया गया।
शुष्क क्षेत्र की फसलों के कार्बन तथा जल पदचिह्न की मात्रा निर्धारित करने के लिए फसल क्षेत्र में स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर माप का प्रदर्शन किया गया। श्री अन्न और मूंग के साथ-साथ मेलिया डुबिया तथा गमेलिना आर्बोरिया की नई बारहमासी प्रजातियों की शुरूआत जलवायु तनाव और कुल कृषि आय के प्रति अनुकूलता बढ़ाने के लिए किए गए नए हस्तक्षेप थे।
खाद्य फलियों और शुष्क घासों के लिए बीज उत्पादन भूखंडों के प्रबंधन के साथ-साथ बारहमासी फसलों में अनुसंधान हस्तक्षेप की सराहना की गई। एक एकीकृत कृषि प्रणाली, जिसमें वार्षिक फसलें, बहुउद्देश्यीय पेड़, घास, औषधीय पौधे, बागवानी फसलें और सूखे के अनुकूल घास शामिल हैं जो साल भर आय प्रदान करता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर)
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