2 मई, 2023, हैदराबाद
विश्व बैंक, बांग्लादेश सरकार तथा श्रीलंका के 21 अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान (क्रीडा), हैदराबाद का दौरा किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य भारत में संस्थानों और अभ्यास स्थलों के दौरे के माध्यम से प्रतिभागियों के व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ाना था। भाकृअनुप-क्रीडा को 'कृषि मौसम विज्ञान' विषय के लिए भागीदार संस्थानों में से एक के रूप में चुना गया है
डॉ. विनोद कुमार सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-क्रीडा ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि हाइड्रोमेट के दायरे में आने वाले मौसम की अप्रत्याशित घटनाओं में वृद्धि हो रही हैं, जिससे दक्षिण एशियाई देशों में खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने 'कृषि मौसम विज्ञान' के लिए क्रीडा को भागीदार संस्थान के रूप में चुनने के लिए विश्व बैंक के अधिकारियों को धन्यवाद दिया और इसकी उपलब्धियों के लिए कृषि मौसम विज्ञान पर एसीआरपी की सराहना की।
सुश्री आरती बेले, वरिष्ठ आपदा जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञ, विश्व बैंक ने संयुक्त शिक्षण अभ्यास की शुरुआत तथा अध्ययन दौरे के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. शांतनु कुमार बल, परियोजना समन्वयक (कृषि मौसम विज्ञान) ने भाकृअनुप-क्रीडा की विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
अपनी समापन टिप्पणी में, डॉ. एल.एस. राठौर, सलाहकार, विश्व बैंक ने जलविद्युत आपदाओं से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतःविषय समन्वय का आग्रह किया। उन्होंने क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाकृअनुप-क्रीडा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि, फसल आकस्मिक-योजना का विकास समय की आवश्यकता है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
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