7 जुलाई, 2025, हैदराबाद
कृषि अनुसंधान सेवा (एफओसीएआरएस) के लिए 114वें फाउंडेशन कोर्स का आज भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (नार्म), हैदराबाद में औपचारिक उद्घाटन किया गया।
डॉ. हिमांशु पाठक, महानिदेशक, अंतर्राष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (आईसीआरआईएसएटी) ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि पूर्व डॉ. एच.पी. सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान), भाकृअनुप ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।

अपने संबोधन में, डॉ. पाठक ने कृषि अनुसंधान सेवा (एआरएस) में चयनित नवनियुक्त वैज्ञानिकों को बधाई दी और उनसे अपने पूरे करियर में नवाचार, टीम वर्क और दृढ़ता के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया। उन्होंने चुनौतियों के बावजूद महत्वाकांक्षा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और उन्हें पेशेवर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अलग तरह से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. एच.पी. सिंह ने 'अमृत काल 2047 के संदर्भ में शहरी सीमा से सटे बागवानी का दायरा' विषय पर एक विशेष व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने कृषि क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों, जिनमें बढ़ती खाद्यान्न माँग, घटते प्राकृतिक संसाधन और स्थायित्व एवं लचीलेपन की तत्काल आवश्यकता शामिल है, पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने में अत्याधुनिक अनुसंधान और सहभागी शिक्षा की भूमिका पर बल दिया।

डॉ. गोपाल लाल, कार्यवाहक निदेशक, भाकृअनुप-नार्म ने एफओसीएआरएस के उद्देश्यों और संरचना की रूपरेखा प्रस्तुत की, अकादमी की पहलों का अवलोकन प्रस्तुत किया और युवा परिवीक्षार्थियों को आधिकारिक शपथ दिलाई।
इस कार्यक्रम ने एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य कृषि वैज्ञानिकों की अगली पीढ़ी को भारतीय कृषि को भविष्य में आगे ले जाने के लिए आवश्यक कौशल, मूल्यों और दूरदर्शिता से सुसज्जित करना है।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)
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