12 जुलाई, 2022, पुरी जिला
भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता द्वारा आज ओडिशा के पुरी जिले के अस्टारंगा में देवी नदी के मुहाने पर "ओडिशा के तटीय आर्द्रभूमि और जलवायु परिवर्तन प्रभाव" पर संवेदनशीलता मूल्यांकन एवं संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई, बैरकपुर ने मछुआरों के साथ बातचीत करते हुए तटीय आर्द्रभूमियों और अनुकूलन एवं शमन रणनीतियों पर तीव्र जलवायु घटनाओं के प्रभावों को रेखांकित किया।

राज्य के मात्स्यिकी अधिकारियों ने तीव्र जलवायु घटनाओं से प्रभावित तटीय मछुआरों के लिए पीएमएमएसवाई के तहत विकास और आजीविका सहायता योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
राज्य के मात्स्यिकी अधिकारियों ने तीव्र जलवायु घटनाओं से प्रभावित तटीय मछुआरों के लिए पीएमएमएसवाई के तहत विकास एवं आजीविका सहायता योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
डॉ. यू.के. सरकार, विभागाध्यक्ष एवं प्रधान अन्वेषक, निक्रा परियोजना ने तटीय आर्द्रभूमि के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर, श्री कुनार मरांडी, डीडीएफ; श्री प्रकाश चंद्र नायक, एडीएफ, ओडिशा सरकार; श्री सुभा कर, सामाजिक कार्यकर्ता और श्री मिशल पी. एवं डॉ. एच.एस. स्वैन के साथ-साथ वैज्ञानिक और एनआईसीआरए (निक्रा) के परियोजना कर्मचारी सदस्य भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में अस्टारंगा, पुरी, ओडिशा के 150 तटीय मछुआरों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर, कोलकाता)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें