9 जून, 2023, मुंबई
भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्सिकी शिक्षा संस्थान (सीआईएफई), मुंबई और दूरदर्शन केन्द्र, वर्ली (मुंबई) ने कृषि एवं मत्स्य पालन दूरदर्शन कार्यक्रम सलाहकार कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कृषि और मत्स्य पालन पर कार्यक्रमों की पहचान करना एवं इसे प्राथमिकता देना था, जिन्हें जुलाई-सितंबर 2023 के दौरान किसानों, मछुआरों, कृषक महिलाओं, युवाओं और उद्यमियों के लाभ के लिए दूरदर्शन पर कृषि दर्शन और “आमची माटी आमची मनसे” कार्यक्रमों के माध्यम से प्रसारित किया जा सकता है। .

कार्यशाला की शुरुआत भाकृअनुप-सीआईएफई के निदेशक डॉ. रविशंकर सी.एन. के संबोधन से हुई, जिन्होंने देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के महत्व और भाकृअनुप-सीआईएफई की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सीआईएफई व्यापक स्तर पर दूरदर्शन की मदद से मछली पालन संबंधी जानकारी उपलब्ध करा सकता है। उन्होंने वंचितों तक पहुंचने में दूरदर्शन की भूमिका की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि सीआईएफई के पास ऐसे विशेषज्ञ हैं जो हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी प्रस्तुति दे सकते हैं।
श्री संदीप सूद, दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रमुख ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और दूरदर्शन की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, जिन्हें जुलाई-सितंबर 2023 तिमाही के दौरान प्रसारण के लिए शामिल किया जा सकता है।
कार्यशाला में 45 प्रतिभागियों (पुरुष- 38 और महिला- 7) ने भाग लिया, जो भाकृअनुप संस्थानों, दूरदर्शन, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों आदि के प्रतिनिधि थे।
कार्यशाला डॉ. अर्पिता शर्मा, प्रमुख (ए), फीस प्रभाग, भाकृअनुप-सीआईएफई, मुंबई के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ सम्पन्न हुआ।
(स्रोत: भाकृअनुप-सीआईएफई, मुंबई)
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