10 नवंबर, 2023, मुंबई
भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (सीआईएसएच), लखनऊ और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, नई दिल्ली ने निर्यातक आईएनआई फार्म्स, बारामती और आयातक डेलमोंटे, नीदरलैंड के संयुक्त परीक्षण शिपमेंट प्रयास के माध्यम से 20 टन के कंटेनर में मुंबई बंदरगाह से भारतीय ग्रैंड नैने केले का सफलतापूर्वक निर्यात और सत्यापन किया।
भाकृअनुप-सीआईएसएच ने नवीन ऑर्गेनो पेप्टाइड्स और लिपिड का उपयोग करके आम एवं केले के समुद्री मार्ग निर्यात के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित किया। कंटेनर के आधार पर 17 और 13 डिग्री तापमान पर आम की शेल्फ लाइफ को 32 दिन और केले को 47 दिन तक बढ़ाने के लिए सीआईएसएच मेटवॉश एक ऑर्गेनिक वॉश फॉर्मूलेशन विकसित किया गया। इसके परिणामस्वरूप उपरोक्त फल फसलों के निर्यात प्रोटोकॉल में वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले बाविस्टिन और सोडियम हाइपोक्लोराइट जैसे अकार्बनिक रसायनों को हटा दिया गया।
प्रोटोकॉल को केले में सफलतापूर्वक मान्य किया गया था जिसे 10 नवंबर, 2023 को भारतीय मुंबई बंदरगाह से भेजा गया था और 5 दिसंबर, 2023 को भारत के दूतावास के सचिव, आयातक डेलमोंटे के विशेषज्ञ, एम्स्टर्डम से समाचार मीडिया और नीदरलैंड से गुणवत्ता नियंत्रण विशेषज्ञ की उपस्थिति में नीदरलैंड के एम्स्टर्डम के रोट्राडैम बंदरगाह पर खोला और इसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया गया।
भाकृअनुप-सीआईएसएच मेटवॉश तकनीक के छर्रों से प्राप्त फलों में तने के सिरे की सड़न, एन्थ्रेक्नोज और चोट में उल्लेखनीय कमी देखी गई। सिरों पर कोई फंगल संक्रमण नहीं होने के कारण यह पकने के बाद बाजारों में जाने में सक्षम हो गया। यह प्रौद्योगिकी बेहद सफल रही और इसे समुद्री मार्ग से निर्यात के लिए अनुशंसित किया गया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान, लखनऊ)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें