भाकृअनुप-सीआरआईडीए द्वारा रूट “आर्किटेक्चर सैम्पलिंग और मॉनिटरिंग टूल्स में हालिया प्रगति” पर एक लघु पाठ्यक्रम का आयोजन

भाकृअनुप-सीआरआईडीए द्वारा रूट “आर्किटेक्चर सैम्पलिंग और मॉनिटरिंग टूल्स में हालिया प्रगति” पर एक लघु पाठ्यक्रम का आयोजन

24 जनवरी - 2 फरवरी, 2024, हैदराबाद

भाकृअनुप-केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान (सीआरआईडीए), हैदराबाद ने 24 जनवरी से 2 फरवरी, 2024 तक वर्षा आधारित कृषि में जड़ विश्लेषण के लिए जड़ वास्तुशिल्प नमूने और निगरानी उपकरणों में हालिया प्रगति पर 10-दिवसीय लघु पाठ्यक्रम का आयोजन किया।

ICAR-CRIDA organises a short course on “Recent advances in root architectural sampling and monitoring tools

मुख्य अतिथि, डॉ. राजबीर सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि विज्ञान, कृषि वानिकी और जलवायु परिवर्तन) ने उद्घाटन सत्र के दौरान जलवायु लचीलेपन में जड़ों के महत्व पर जोर दिया।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि, डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-सीआरआईडीए ने कहा कि मूल अध्ययनों को जमीन के ऊपर के अवलोकन के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए और आर्थिक उपज के संदर्भ में इसकी व्याख्या की जानी चाहिए।

डॉ. वी.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-सीआरआईडीए ने शुष्क भूमि कृषि में जड़ वास्तुशिल्प अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम में देशभर से लगभग 25 प्रतिभागियों ने शिरकत की।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)

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