भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ ने 72वां स्थापना दिवस मनाया

भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ ने 72वां स्थापना दिवस मनाया

9 फरवरी, 2024, बैरकपुर

भाकृअनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान (सीआरआईजेएएफ), बैरकपुर ने आज यहां अपना 72वां स्थापना दिवस मनाया।

मुख्य अतिथि, प्रोफेसर स्वपन कुमार दत्ता, पूर्व कुलपति, बिस्वा बांग्ला विश्वविद्यालय एवं विश्व भारती तथा पूर्व उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने इस बात पर जोर दिया कि जूट जीनोम जानकारी के डिकोडिंग से डिजाइनर जूट विकसित करने के सभी वांछनीय लक्षणों तथा जलवायु एवं जैविक तनाव लचीलेपन के साथ नए अवसर की शुरुआत होगी।

ICAR-CRIJAF celebrated the 72nd Foundation Day  ICAR-CRIJAF celebrated the 72nd Foundation Day

भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ के निदेशक, डॉ. गौरंगा कर ने कहा कि संस्थान ने फाइबर उत्पादक फसलों से परे पारिस्थितिकी तंत्र सेवा, न्यूट्रास्यूटिकल्स तथा अन्य उप-उत्पादों के उपयोग के लिए अनिवार्य फसलों का उपयोग करने के लिए अनुसंधान कार्यक्रमों को फिर से तैयार किया है। डॉ. कर ने जूट आधारित स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों के गठन और मूल्यवर्धित जूट विविध उत्पादों के निर्माण पर प्रशिक्षण में संस्थान की पहल पर प्रकाश डाला, जो उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगा तथा जूट क्षेत्र में किसानों एवं अन्य हितधारकों की आय में वृद्धि करेगा।

भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के पूर्व संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), प्रोफेसर मालाबिका ददलानी ने संस्थान के मजबूत इतिहास पर प्रकाश डाला।

भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. बी.के. दास ने प्लास्टिक से जूट में संक्रमण की आवश्यकता पर जोर दिया।

भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ. प्रदीप डे ने अपनी दृश्यता बढ़ाने और अपनी प्रौद्योगिकियों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ मजबूत सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता की घोषणा की।

भाकृअनुप-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल फाइबर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक, डॉ. डी.बी. शाक्यवार ने जूट क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सीआरआईजेएएफ के साथ मजबूत सहयोग को दोहराया।

कार्यक्रम ने विभिन्न प्रदर्शनी स्टालों के माध्यम से भाकृअनुप-सीआरआईजेएएफ, एसएचजी और एफपीओ की सिद्ध प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करते हुए उद्योग, सरकारी संस्थानों, भाकृअनुप संस्थानों, क्षेत्रीय स्टेशनों, मीडिया, छात्रों और किसानों को आकर्षित किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध फाइबर अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)

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