6 नवंबर 2023, चेन्नई
भाकृअनुप-केन्द्रीय खाराजल जीवपालन संस्थान (सीबा), चेन्नई ने मेसर्स एमिटी एम्पिरिक टेक्नोलॉजीज एलएलपी, कर्नाटक के साथ आज स्वदेशी झींगा लार्वा फ़ीड के उत्पादन के लिए एक रणनीतिक गठबंधन बनाया। कार्यक्रम का आयोजन भाकृअनुप-सीबा की संस्थान प्रौद्योगिकी प्रबंधन इकाई द्वारा किया गया था।
सफल हैचरी संचालन के लिए गुणवत्तापूर्ण लार्वा फीड उत्पादन केन्द्रीय तत्व हैं। भारत में उपयोग किया जाने वाला लार्वा फीड पूरी तरह से आयातित और महंगा है। इसलिए, टिकाऊ जलीय कृषि हेतु झींगा उत्पादन अब लागत प्रभावी एवं स्वदेशी लार्वा फ़ीड समय की मांग है। पिछले पांच वर्षों में सीबा में केंद्रित अनुसंधान प्रयासों के परिणामस्वरूप सीबा श्रिम्प लारविप्लस का विकास हुआ। भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप झींगा लार्वा फ़ीड उत्पादन को बढ़ावा देना एक प्राथमिकता है।
भाकृअनुप-सीबा ने 6 नवंबर, 2023 को सीबा के निदेशक, डॉ. कुलदीप के. लाल की उपस्थिति में स्वदेशी झींगा लार्वा फ़ीड के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
डॉ. लाल ने एक्वा फीड क्षेत्र में आर्थिक लाभ, नवाचार, विकास, स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता के महत्व पर जोर दिया, जिसका लक्ष्य अनुभव और अनुभवों को साझा करके दीर्घकालिक और लाभकारी यात्रा के लक्ष्य को हासिल किया जाय।
एमिटी एम्पिरिक टेक्नोलॉजीज के सीईओ, श्री मोहन रेड्डी ने अपने हैचरी और खेती के अनुभव को गिनाया और सीबा के झींगा लार्वा प्लस के साथ प्राप्त उत्साहजनक परीक्षण परिणामों को साझा किया तथा इस तकनीकों से हितधारकों को लाभ पहुंचाने और मौजूदा झींगा लार्वा फ़ीड के लिए एक आयात विकल्प बनाने के अपने इरादे को साझा किया। .
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खाराजल जीवपालन संस्थान, चेन्नई)
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