27 मार्च, 2023, चेन्नई
भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जल जीव पालन संस्थान (सीबा), चेन्नई ने 27 को मार्च, 2023 को मेसर्स अल्ट्रा न्यूट्री इंडिया, प्राइवेट लिमिटेड, के साथ साझेदारी के द्वारा एंटी-माइक्रोबियल पेप्टाइड (एएमपी) से समृद्ध बीएसएफ भोजन का उपयोग करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए, जिसका उपयोग एक्वा फीड में एक कार्यात्मक घटक के रूप में विकास, प्रतिरक्षा और रोग प्रतिरोध में सुधार के लिए किया जाता है, जिसके लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
मेसर्स अल्ट्रा न्यूट्री इंडिया, एक बायोटेक स्टार्टअप का उद्देश्य एक्वाकल्चर फीड फॉर्मूलेशन के लिए टिकाऊ और स्केलेबल प्रोटीन प्रदान करना है।
इस एमओयू के माध्यम से कम उत्पादन समय में मुख्य जैविक कचरे को उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन में परिवर्तित करने के लिए ब्लैक सोल्जर फ्लाई की उल्लेखनीय पोषक-पुनर्चक्रण क्षमता का उपयोग करने की परिकल्पना की गई है। बीएसएफ लार्वा को कल्चर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्कृष्ट सब्सट्रेट उच्च रोगाणुरोधी पेप्टाइड्स होते हैं जिसके परिणाम स्वरूप बेहतर प्रतिरक्षा और विकास के लिए झींगा के आहार में इस विशिष्ट फीड का उपयोग किया जाता है।
डॉ. के.के. लाल, निदेशक, भाकृअनुप-सीबा ने रेखांकित किया कि यह प्रयास निस्संदेह मछली के भोजन के लिए एक लागत प्रभावी वैकल्पिक प्रोटीन स्रोत भोजन के रूप में प्रदान करेगा जो लार्वा के फैटी एसिड प्रोफाइल को संशोधित करने की गुंजाइश रखता है जो मछली के तेल का विकल्प प्रदान करने में भी मदद करेगा।
डॉ. नितीश सत्यनारायणन, निदेशक, मेसर्स अल्ट्रा न्यूट्री इंडिया, प्रा. लिमिटेड ने नये सब्सट्रेट का उपयोग करके लागत प्रभावी उत्पादन और बीएसएफ भोजन उत्पादन को बढ़ाने की योजना के बारे में बताया।
डॉ. के. अंबाशंकर, प्रधान वैज्ञानिक तथा फ़ीड प्रौद्योगिकी के लिए टीम लीडर ने इस समझौता ज्ञापन के महत्व के बारे में जानकारी दी और जलीय कृषि फ़ीड उत्पादन क्षेत्र में इसके उपयोग की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय खारा जल जीव पालन संस्थान, चेन्नई)
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