भाकृअनुप-सीएसएसआरआई का रबी किसान मेला- 2023 आयोजित

भाकृअनुप-सीएसएसआरआई का रबी किसान मेला- 2023 आयोजित

7 अक्टूबर, 2023,रोहतक

भाकृअनुप-केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई), करनाल ने आज गांव करौंथा, जिला रोहतक में रबी किसान मेले का आयोजन किया।

हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने किसान मेले का उद्घाटन किया। उन्होंने किसानों को बदलते जलवायु परिदृश्य के साथ स्मार्ट बीज एवं स्मार्ट प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए स्मार्ट किसान बनने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने युवा किसानों से कृषि में आगे आने, अपनी शिक्षा और पारंपरिक ज्ञान को विकसित करने तथा आधुनिक एवं उन्नत कृषि पद्धतियों का उपयोग करने का भी आग्रह किया।

ICAR-CSSRI’s Rabi Kisan Mela-2023

डॉ. कादियान ने बढ़ती खाद्य मांगों को पूरा करने के लिए फसल उत्पादन के साथ-साथ सब्जियों की खेती पर भी जोर दिया। आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी और पानी को बचाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व को विस्तार से बताया गया। उन्होंने क्षेत्र के किसानों को अच्छे लाभ के लिए बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन एवं प्राकृतिक खेती जैसे संबद्ध क्षेत्रों पर प्रमुख ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने नमक सहिष्णु किस्मों, एसएसडी और कृषि वानिकी के माध्यम से फसल उत्पादन को बनाए रखने में सीएसएसआरआई के प्रयासों की सराहना की।

मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए डॉ. आर.के. यादव, निदेशक भाकृअनुप-सीएसएसआरआई ने नमक प्रभावित भूमि को पुनः उत्पादन योग्य बनाने में सीएसएसआरआई द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, जिससे 160-170 लाख टन फसल उत्पादन हुआ, इससे किसानों को 24 हजार करोड़ रुपये का मौद्रिक लाभ भी प्राप्त हुआ।

उन्होंने फसल उत्पादन में खराब गुणवत्ता वाले पानी के सर्वोत्तम उपयोग के साथ मिट्टी एवं जल संरक्षण पर जोर दिया तथा किसानों की आय बढ़ाने में मदद करने के लिए संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों पर प्रकाश डाला।

किसान गोष्ठी के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों ने नमक प्रभावित तथा जलभराव वाले खारे क्षेत्रों में फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ गेहूं, सरसों, चना, मसूर आदि की नवीनतम नमक सहनशील किस्मों के बारे में जानकारी दी।

मेले में लवणता सुधार तथा प्रबंधन, फसल विविधीकरण, एकीकृत खेती, बागवानी फसलें, कृषि वानिकी आदि के लिए बेहतर प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर सीएसएसआरआई प्रौद्योगिकियों को अपनाने वाले गांवों के कुल 10 नवोन्वेषी किसानों को सम्मानित भी किया गया।

(स्रोत: भाकृअनुप-सीएसएसआरआई, करनाल)

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